शिमला: कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए लैंड सर्वे का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। मौसम की बेरुखी के बावजूद इस कार्य में लगी एजेंसियों ने मैपिंग का करीब 70 फीसदी कार्य पूरा कर लिया है।
इतना ही नहीं, एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया ने हवाई अड्डे के लिए प्रस्तावित भूमि पर बाउंड्री मार्किंग का कार्य भी पूरा कर लिया है।
ऐसे में अब इसी बाउंड्री के भीतर भूमि संबंधी मामलों को हल करने और सर्वे में संबंधित लोगों की भूमि, परिवारों, कारोबारी संस्थानों और सोशल सर्वे से लेकर तमाम पहलुओं को परखा जा रहा है। मौसम ठीक रहा तो सितंबर के पहले सप्ताह तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
सुरक्षा व पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माने जाने वाले कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए लैंड सर्वे का अधिकतर कार्य पूरा कर लिया गया है।
अब करीब 30 फीसदी हिस्से का काम ही शेष बचा है, जबकि 50 फीसदी से अधिक मैपिंग कार्य रिकॉर्ड में भी आ गया है। उधर, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक विनय धीमान का कहना है कि कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन गंभीर हैं और लैंड सर्वे का कार्य चल रहा है।
उपायुक्त डा. निपुण जिंदल का कहना है कि लैंड सर्वे का अधिकतर कार्य प्रगति पर है। बाउंड्री मार्क करने के साथ री-हैबिलिटेशन का कार्य भी प्रगति पर है। (एचडीएम)
एयरपोर्ट सर्वे में इन पहलुओं पर दिया जा रहा ध्यान
सर्वे में यह स्पष्ट किया जा रहा है कि किस व्यक्ति की भूमि कितनी है, उसका खसरा नंबर क्या है। किस भूमि पर भवन बने हैं और उनकी वेल्यू कितनी है।
ऐसे सभी बेसिक पैरामीटर को देखा जा रहा है। इस दौरान सर्वे में देखा जा रहा है कि संबंधित भूमि पर कितने परिवार हैं, कितने भवन हैं, सामाजिक प्रभाव, खड्डे, नाले, भूमि की किस्म सहित ऐसे तमाम सारे पहलुओं को बारीकी से देखा जा रहा है, ताकि प्रभावितों को सही मुआवजा मिल सके और संबंधित भूमि व भवनों का भी सही से आकलन किया जा सके।
इस दौरान लोगों की शिकायतों एवं समस्याओं का भी साथ साथ में निपटारा किया जा रहा है। किसको कितनी कंपनसेशन मिलेगी इसकी भी सर्वे के आधार पर ही रिपोर्ट बनेगी।