हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग में नया सत्र शुरू होने के बाद भी ट्रांसफर से प्रतिबंध नहीं हटेगा। विभाग नए सत्र में भी सिर्फ नीड बेस्ड तबादले ही करेगा। शुक्रवार को एलिमेंट्री और उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में ये निर्देश शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने दिए हैं।
राज्य सचिवालय के कान्फ्रेंस हॉल में यह बैठक कई घंटे चली। इसमें सभी लंबित मामलों पर चर्चा की गई और बजट सत्र से पहले कैबिनेट में भेजे जाने वाले मामलों पर चिंतन हुआ।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा सत्र में भी टीचर ट्रांसफर से परहेज किया जाएगा। हालांकि युक्तिकरण और कंसोलिडेशन के तहत होने वाले तबादले हो जाएंगे।
बैठक में तय हुआ है कि नोन फंग्शनल हो चुके पांच डिग्री कालेज और 100 से कम एडमिशन वाले 16 अन्य डिग्री कालेज को बंद करने पर मामला कैबिनेट को भेजा जाए।
इसी तरह जिन सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 25 से कम एडमिशन है या जिन विषयों में सिंगल डिजिट में एडमिशन है, उन्हें भी बंद किया जा सकता है।
ये पद जेबीटी, टीजीटी और सीएंडवी शिक्षकों के हैं, जिन्हें एसएमसी एलडीआर कोटा के कारण भर्ती नियमों में होने वाले बदलाव के कारण रोका गया था।
अब नए नियम नोटिफाई हो गए हैं, इसलिए इन भर्तियों को जल्दी राज्य चयन आयोग को भेजने को कहा गया है। इस बैठक में स्कूल और कालेज के लिए अलग-अलग शिक्षा निदेशालय बनाने के मामले पर भी चर्चा हुई।
टीचिंग कैडर से आने वाले अधिकारियों ने इस प्रस्ताव का बैठक में विरोध किया है। हालांकि ब्यूरोक्रेसी इस प्रस्ताव के हक में है।
इस मामले में एक बार धर्मशाला में कैबिनेट के सामने प्रेजेंटेशन हो चुकी है और अब सिर्फ निर्णय लेने के लिए कैबिनेट में केस जाएगा। बैठक में भी इसे कैबिनेट में फिलहाल भेजने पर सहमति नहीं बनी है।
उधर, राज्य के सरकारी स्कूलों में तैनात प्रवक्ताओं को एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम यानी 4-9-14 का टाइम स्केल देने के लिए इनकी एसीआर को मांगा गया है।
उच्च शिक्षा निदेशक के कार्यालय से बिलासपुर, चंबा, किन्नौर, ऊना, शिमला, सोलन, सिरमौर और मंडी जिलों में काम कर रहे प्रवक्ताओं की डिटेल भेजने को कहा गया है।
निदेशालय ने कहा है कि टाइम स्केल के अनुसार पे-फिक्सेशन के लिए यह दस्तावेज होना जरूरी है।