हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, के सहयोग से राज्यव्यापी भूकंप मॉक अभ्यास का आयोजन आगामी 6 जून को होगा।

यह अभ्यास प्रदेश के सभी 12 जिलों में उपमंडल स्तर तक एक साथ आयोजित किया जाएगा। इसी अभ्यास की तैयारियों को लेकर मंगलवार को शिमला में सभी हितधारकों के लिए ओरिएंटेशन एवं समन्वय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सुधीर बहल ने वर्चुअल माध्यम से भूकंप पर आधारित मैगा मॉक अभ्यास की रूपरेखा एवं कार्य योजना पर विस्तृत जानकारी दी।
साथ ही मॉक अभ्यास के दौरान आपातकालीन सेवाओं की कार्य प्रणाली, राहत एवं बचाव कार्य और संसाधनों की उपलब्धता को व्यावहारिक रूप से भी जांचा जाएगा।
उन्होंने कहा कि मैगा मॉक अभ्यास के दृष्टिगत 3 जून को टेबल टॉप एक्सरसाइज की जाएगी। इसमें सभी संबंधित विभागों के प्रमुखों एवं नोडल अधिकारियों से राज्य स्तर पर स्वयं उपस्थिति सुनिश्चित बनाने को भी कहा गया है।
राज्य स्तर पर प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, दीपक प्रोजैक्ट, आईटीबीपी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न जिलों के उपायुक्त, जिला आपदा प्रबंधन टीम के सदस्य तथा उपमंडल स्तर के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यशाला में उपस्थित रहे।
राज्य की 70 प्रतिशत आबादी रह रही भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में
सुधीर बहल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है तथा प्रदेश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन चार व पांच के अंतर्गत आती हैं। इसके साथ-साथ प्रदेश अन्य तरह की प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से भी संवेदनशील है।
उन्होंने कहा कि अगर हम स्वयं इस मैगा मॉक अभ्यास के माध्यम से भूकंप से निपटने के लिए तैयार कर लेते हैं तो स्वतः अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए भी तैयारी हो जाएगी।
उन्होंने राज्यव्यापी भूकंप मैगा मॉक अभ्यास में सभी हितधारकों से अपनी भागीदारी सुनिश्चित बनाने का आह्वान किया ताकि इस मैगा मॉक अभ्यास के उद्देश्यों व लक्ष्यों हो हासिल किया जा सके।