ई-टैक्सी खरीदने के लिए बनेगी 100 और युवाओं की लिस्ट

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प्रदेश सरकार की ई-टैक्सी योजना अब जल्दी ही धरातल पर उतरने वाली है। इससे संबंधित सभी तरह की औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है। पहले चरण में उन 100 युवाओं को ई-टैक्सी लेने के लिए चयनित किया गया है जिन्होंने आवेदन किए हैं।

अब परिवहन विभाग और 100 युवाओं का पैनल देगा, जिनका चयन पहले ही किया जा चुका है। कुल मिलाकर ऐसे 500 युवाओं को चुना जाना है, जो चाहते हैं कि वे ई-टैक्सी लेकर सरकार के विभागों में उनको जोड़ें और सरकार द्वारा जो योजना बनाई गई है, उसका लाभ लें।

सरकार उनको 50 फीसदी सबसिडी दे रही है और 40 फीसदी राशि इनको लोन के रूप में दिला रही है, जिसकी किस्तें भी सरकार ही भरेगी। इसमें टैक्सी अटैच होने के साथ व्यक्ति को खुद चालक का काम करना होगा। 10 फीसदी पैसा भी बेरोजगार युवा को देना होगा और जल्दी ही उसकी टैक्सी फ्री हो जाएगी।

इस योजना का लाभ जल्द से जल्द युवाओं को देने और ऐसे विभागों जहां पर जरूरत है, वहां पर टैक्सियां लगाने को कैबिनेट ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। भविष्य में कोई भी सरकारी विभाग, बोर्ड व निगम अब डीजल व पेट्रोल वाहन नहीं खरीदेंगे।

15 साल पुराने हो चुके वाहनों को बदल कर उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन ही दिए जाएंगे। शनिवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राजीव स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत ई-टैक्सी को मंजूर कर दिया है।

इसमें अब तीन पक्षीय समझौता हस्ताक्षर ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होंगे। इसके लिए चार अलग-अलग बैंक अधिकृत किए गए हैं, जिनके माध्यम से यह लोन दिया जाएगा।

इसमें बैंक जो लोन देगा, श्रम एवं रोजगार विभाग व गाड़ी खरीदने वाला उसमें शामिल होंगे। 50 हजार रेंट पर ई-टैक्सी को सरकारी विभागों, बोर्ड व निगमों के साथ अटैच किया जाएगा। सरकार गाड़ी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी सरकार द्वारा देगा।

40 प्रतिशत राशि पर बैंक लोन होगा और 10 प्रतिशत राशि युवाओं को खुद का शेयर देना होगा। पिछले वित्त वर्ष में बजट श्रम एवं रोजगार विभाग को नहीं मिल पाई थी, मगर इस बार राशि मंजूर हो गई है। इसकी जानकारी श्रम विभाग को मिल गई है।

अब वह उन युवाओं से आवेदन आमंत्रित करेगा, जिनका चयन इस योजना के तहत किया गया है। प्रदेश सरकार ने अपने बजट में बेरोजगार युवाओं के लिए ई-टैक्सी योजना लाने का ऐलान किया था। बीच में चुनाव आचार संहिता लग गई, लिहाजा योजना को लागू करने में देरी हो गई। कैबिनेट मंजूरी के बाद अब इस योजना को औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा।

विभागीय औपचारिकताएं पूरी

परिवहन विभाग की तरफ से सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है। अब मामला पूरी तरह से श्रम एवं रोजगार विभाग के हवाले है, क्योंकि वहीं नोडल डिपार्टमेंट है, मगर आने वाले समय में जिन विभागों, बोर्डों व निगमों से डिमांड आएगी, उसको पूरा करने के लिए परिवहन विभाग पहले युवाओं का पैनल देगा और उसी पैनल को आगे श्रम विभाग आवेदनों के लिए अधिकृत करेगा।

उसमें छंटनी के बाद उनको इस योजना के साथ जोड़ा जाएगा। पहले चरण की योजना के बाद यह दूसरे चरण की योजना के लिए तैयारी की जा रही है।

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