हिमाचल में 98% जलापूर्ति योजनाएं बहाल : उप मुख्यमंत्री

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डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण प्रभावित लोगों को त्वरित राहत प्रदान करने के लिए प्रदेश की 12007 जलापूर्ति योजनाओं को अस्थाई रूप से बहाल कर दिया गया है।

यह कुल प्रभावित जलापूर्ति योजनाओं का लगभग 98 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों के बावजूद जल शक्ति विभाग ने तत्परता और समर्पण भाव से कार्य करते हुए इन परियोजनाओं को बहाल किया है।

डिप्टी सीएम ने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में विभाग द्वारा किया गया यह कार्य सराहनीय और प्रेरणादायक है।

उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग के कर्मचारी दिन-रात फील्ड में रहकर प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को राहत पहुंचा रहे हैं और मूलभूत सुविधाओं की बहाली में जुटे हुए हैं।

भारी बारिश के कारण प्रदेश में कुल 12281 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं, परंतु लोगों की सुविधा के लिए विभाग ने अविलंब इनमें से 12007 योजनाओं को क्रियाशील किया है। प्रदेश में जलापूर्ति योजनाओं को लगभग 925.85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही 244.19 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत की 2624 सिंचाई योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। राज्य में स्थापित 115 बाढ़ सुरक्षा कार्यों को 55.81 करोड़ रुपए, 183 सीवरेज योजनाओं का 64.33 करोड़ रुपए तथा 391 हैंडपंपों को 1.20 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

प्रदेश में 15594 योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इन योजनाओं को कुल 1291.37 करोड़ रुपए की अनुमानित क्षति आंकी गई है।

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि जलापूर्ति और सीवरेज योजनाओं की बहाली सरकार की प्राथमिकता शामिल है। उन्होंने कहा कि विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि बहाली के कार्यों में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए।

सरकार जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है और सभी प्रभावित योजनाओं को शीघ्र स्थायी रूप से बहाल किया जाएगा।

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