मंडी के झलोगी टनल के मुहाने पर बुधवार को पहाड़ दरक गया। सुरंग में 30 वाहन फंसे हैं, जबकि 100 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।

इनमें से कुछ लोागें को एचआरटीसी की बस से कुल्लू भेजा गया है। मंडी प्रशासन ने सुरंग में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने की कवायद तेज कर दी।
इसके लिए बालीचौकी के एसडीएम देवी राम को मौके पर तैनात किया गया और मंडी डीसी अर्पूव देवगन रेस्क्यू ऑपरेशन को मॉनिटर करते रहे।
झलोगी टनल के मुहाने पर पहाड़ी दरक ने से करीब 300 मीटर सडक़ ही गायब हो गई है। ऐसे में कुल्लू की तरफ से कुछ छोटे वाहनों को मंडी कटौला मार्ग से भेजा जा रहा है।
सुरंग का मुहाना बंद होने के कारण नौ मील और दवाड़ा में ही 700 से ज्यादा वाहन फंसे हुए हैं। इन वाहनों में सवार करीब 1000 लोगों की रात वाहनों में ही कटी।
दवाडा और झलोगी के पास भारी भू-स्खलन के कारण मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय उच्च मार्ग यातायात के लिए पूरी तरह से बंद हो गया।
प्रशासन की ओर से थलौट से लेकर हणोगी तक विभिन्न स्थानों में फंसे लोगों को निकालने के लिए सभी आवश्यक एवं त्वरित कदम उठाए गए हैं। प्रशासनिक अमला दावा कर रहा कि इस सडक़ मार्ग को खोलने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
इसके लिए आवश्यक मशीनरी व मानव संसाधन तैनात किए गए हैं। देर शाम तक पंडोह से दवाड़ा तक रास्ता खुल गया है, जबकि आगे रास्ता खोलने में अभी समय लगेगा।
पंडोह और औट पुलिस मौके पर मौजूद थी और राजमार्ग गुरुवार सुबह या फिर दोपहर तक खुलने की उम्मीद है।
एसडीएम ने की खाने-पीने की व्यवस्था
उपमंडलाधिकारी बालीचौकी देवी सिंह के माध्यम से फंसे हुए लोगों के लिए पानी व ब्रेड सहित दूध इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
सुरंग संख्या 12 के समीप वाहन चालकों एवं अन्य फं से हुए यात्रियों के लिए भोजन इत्यादि के समुचित प्रबंध किए गए हैं। उनके लिए सुबह के नाश्ते के अलावा दोपहर भोजन की भी व्यवस्था की गई।
सुरक्षित हैं सभी यात्री, सड़क है बंद
मंडी डीसी अपूर्व देवगन ने कहा कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और केवल सडक़ ही बंद हुई है। डीसी ने वैकल्पिक मार्गों का उपयोग कर रहे वाहन चालकों एवं यात्रियों से भी आग्रह किया कि वे इन मार्गों पर ट्रैफिक इत्यादि की जानकारी प्राप्त करने के उपरांत ही यात्रा करें ताकि जाम जैसी स्थिति से बचा जा सके।