जेओए आईटी पेपर लीक मामले का खुलासा होने के बाद कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित की गई अन्य परीक्षाओं की शिकायतें भी अब विजिलेंस के पास पहुंच रही हैं। अभी तक विजिलेंस के पास पेपर लीक की 12 शिकायतें आई हैं।
विजिलेंस को मिली इन शिकायतों में पिछले तीन साल में आयोजित की विभिन्न विभागों की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के आशंका जताई गई है। विजिलेंस ने शिकायतों के बाद आयोग की परीक्षाओं की जांच तेज कर दी है। मंगलवार को एडीजीपी विजिलेंस सतवंत अटवाल त्रिवेदी, डीआईजी जी शिवा कुमार, विजिलेंस के तीनों रेंज के एसपी बलबीर ठाकुर, एसपी राहुल नाथ, एसपी अंजुम आरा सहित समस्त अधिकारियों की टीम आयोग में पहुंच गई है। विजिलेंस की टीम ने आयोग के कार्यालय में अभ्यर्थियों का रिकार्ड खंगाला।
इसके अलावा टीम पेपर लीक मामले को लेकर आयोग के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है। विजिलेंस ने मंगलवार को दिनभर कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय में डेरा डाले रखा और परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों का पूरा डाटा कब्जे में ले लिया है। अब इस डाटा को खंगाला जा रहा है।
विजिलेंस पता लगा रही है कि आयोग द्वारा आयोजित की गई कौन-कौन सी परीक्षा का पेपर लीक हुआ है। गौर हो कि पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी की गई आरोपी महिला कर्मचारी पिछले करीब तीन साल से कर्मचारी चयन आयोग की सीक्रेसी ब्रांच में तैनात थी।
ऐसे में अब विजिलेंस इसकी भी जांच करेगी कि इससे पहले आयोजित परीक्षाओं के कौन-कौन से पेपर आरोपी महिला कर्मी ने लीक किए हैं। इसकी जांच के लिए विजिलेंस ने बकायदा एसआईटी भी गठित की है। विजिलेंस की जांच में कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
उधर, एडीजीपी विजिलेंस सतवंत अटवाल का कहना है कि पेपर लीक की 12 और शिकायतें विजिलेंस के पास आई हैं, जिनमें आयोग द्वारा आयोजित की गई पिछली परीक्षाओं के पेपर लीक होने की आशंका जताई गई है। उन्होंने बताया कि विजिलेंस आयोग द्वारा आयोजित की गई पिछली परीक्षाओं की भी जांच कर रही है। (एचडीएम)
आयोग के अधिकारियों के प्रोटोकॉल की होगी जांच
कर्मचारी चयन आयोग की आरोपी महिला के पास चाबी कैसे पहुंची, इसका पता लगाने के लिए विजिलेंस अब कर्मचारी चयन आयोग के अधिकारियों के प्रोटोकॉल की जांच करेगी, क्योंकि आरोपी महिला पूछताछ में बार-बार बयान बदल रही है।
आरोपी महिला कभी बोल रही है कि चाबी कार्यालय में पड़ी होती थी, कभी कुछ और बता रही है। विजिलेंस अब अधिकारियों के प्रोटोकॉल से पता लगाएगी कि अलमारी की चाबी किसके पास रहती थी और आरोपी के पास कैसे पहुंची।