चुनावी वर्ष में कर्मचारियों को लुभाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की अधिकतम अनुबंध अवधि तीन वर्ष करने की घोषणा पर मुहर लगा दी।
पंचायतों के चौकीदारों को मिलने वाले ग्रांट इन एड को 2050 रुपये से बढ़ाकर 2350 रुपये कर दिया गया है। प्रदेश भर के 3226 चौकीदारों को इसका लाभ मिलेगा। आंगनबाड़ी वर्कर्स का मासिक मानदेय साढ़े चार सौ से बढ़ाकर 1450 रुपये और आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 300 रुपये मासिक से बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया गया है।
पंचायत प्रतिनिधियों को मिलने वाले डेली अलाउंस में पचास प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. जिला परिषद से लेकर पंचायत प्रधान पदों के लिए सरकार ने निशुल्क हवाई सेवा देने का निर्णय लिया है।
मेडिकल अफसरों (एमओ) के पदों पर 1 जनवरी 2018 से नियमित भर्ती होगी। एडहोक, रोगी कल्याण समिति और अनुबंध पर तैनात मेडिकल अफसरों को 4-9-14 पे स्केल देने का फैसला किया गया है।
31 मार्च और 30 सितंबर तक आठ वर्ष की सेवाएं पूरी करने वाले पार्ट-टाइम वर्करों को रेगुलर किया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने विभिन्न विभागों में रिक्त पांच सौ से अधिक पदों को भरने का निर्णय लिया है, जिनमें अधिकतम पंचायती राज विभाग में पंचायत सहायकों के 200 पद और वन विभाग में फार्रेस्ट गार्ड के 170 पद शामिल हैं।
वीरभद्र सिंह मंत्रिमंडल की मैराथन बैठक में 43 एजेंड़ा प्वाइंटस पर निर्णय लिया गया। अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने के लिए 31 मार्च 2017 तक तीन वर्ष की डेडलाइन तय की गयी है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हिमाचल दिवस पर इस बारे में घोषणा की थी।