शिमला: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में अक्तूबर में होने वाले आईसीसी वनडे विश्व कप के डे-नाइट मैच एलईडी फ्लड लाइटों की रोशनी में खेले जाएंगे।
स्टेडियम में पुरानी हैलोजन लाइटों की जगह नई एलईडी लाइटों को लगाने का काम शुरू हो गया है। 15 से 25 अगस्त तक स्टेडियम में चारों फ्लड लाइट पोल पर नई एलईटी लाइटें लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
दिल्ली की कंपनी ने धर्मशाला स्टेडियम में पुरानी लाइटों को हटाने का काम शुरू कर दिया है। धर्मशाला स्टेडियम में फ्लड लाइटों के चार पोल लगे हैं। हर पोल पर 96 हैलोजन लाइटें लगी हैं। सभी पोल पर कुल 386 लाइटें हैं।
हर एक बल्ब की क्षमता 2000 वाॅट है। लेकिन अब इनकी जगह 1620 वाॅट की एलईडी लाइट लगाई जाएगी। इससे बिजली की कम खपत होगी और स्टेडियम के सभी जनरेटरों पर बोझ भी कम पड़ेगा।
माइक्रो सेकेंड में जगमगा उठती हैं एलईडी लाइटें
धर्मशाला स्टेडियम में लगने वाली नई एलईडी लाइटें माइक्रो सेकेंड में ही जगमगा उठती हैं। बिजली की रुकावट के बाद इन्हें तुरंत जलाया जा सकता है। इनका कोई कूलिंग टाइम नहीं होता है।
जबकि पुरानी लाइटों को पूरी तरह से जलने के लिए कम से कम 10 से 15 मिनट का समय लग जाता था। वहीं, बीच में बिजली जाने के बाद उन्हें कूलिंग टाइम भी पांच से दस मिनट का रहता है।
स्टेडियम में लगी फ्लड लाइट के पोल पर पुरानी लाइटों की जगह नई एलईडी लाइट लगाई जा रही हैं। काम शुरू कर दिया गया है। इसके बाद स्टेडियम के प्रैक्टिस एरिया में फ्लड लाइटों को लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।