प्रदेश के सभी जिलों से हजारों श्रद्धालु इस समय प्रयागराज महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाने गए हुए हैं, लेकिन भगदड़ के बाद हुई मौतों ने उनके परिजनों को गंभीर चिंता में डाल दिया है।
बुधवार सारा दिन उनके परिजन प्रशासन और मीडिया से संपर्क करते रहे हालांकि गनीमत यह है कि कहीं से भी कोई दुखद समाचार नहीं है। इस समय महाकुंभ में सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं और स्नान के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं या फिर जो स्नान कर चुके हैं वे वापसी की राह देख रहे है।
दिव्य हिमाचल ने भी प्रशासन से श्रद्धालुओं के आंकड़ों के बारे में जानकारी जुटानी चाही तो कहीं से भी जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई। प्रदेश के सैकड़ों गांव से सैकड़ों वाहनों में हजारों लोग महाकुंभ के लिए प्रयागराज पहुंचे है।
कई लोग डेढ़- दो हफ्ते से या तो वहां है या फिर वापसी के लिए रास्ते में हैं। सरकार की तरफ से इस बार महाकुंभ में भेजने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
श्रद्धालु अपने.अपने स्तर पर ही वाहनों को किराए पर लेकर वहां पहुंचे हुए हैं। भगदड़ के बाद प्रदेश के गृह विभाग के अधिकारी इसकी जानकारी लेने में जुटे रहे कि भगदड़ में कोई हताहत तो नहीं हुआए लेकिन ऐसी कोई जानकारी नहीं मिल पाई।
उधर, प्रदेश के सभी बड़े नेताओं ने महाकुंभ में हुई दुखद घटना पर गहरा शेक प्रकट किया है। साथ ही प्रदेशवासियों की कुशलता की कामना भी की।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने प्रयागराज महाकुंभ में हुई दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पीडि़त श्रद्धालुओं और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
स्थानीय प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की मदद करने पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है। हिमाचल प्रदेश से भी कई श्रद्धालु महाकुंभ में शामिल हुए हैं। उन्होंने सभी से अपील की है कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें और सुरक्षित तरीके से स्नान करें।
मुख्यमंत्री सुक्खू चिंतित, लेते रहे पल-पल की जानकारी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रयागराज की घटना से दिनभर बहुत चिंतित रहे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के बावजूद वह निरंतर लखनऊ और शिमला से संपर्क बनाए रहे, ताकि महाकुंभ स्नान के लिए गए हजारों हिमाचल वासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की
जा सके।