शिमला : हिमाचल में नए सिरे से बनाया गया राज्य चयन आयोग पेपर लीक के बाद भंग हुए आयोग में फंसी पेंडिंग भर्तियों का परिणाम देगा। करीब 18 पोस्ट कोड का परिणाम निकालने के लिए आयोग ने अपने स्तर पर कोशिश शुरू कर दी है।
इससे पहले आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट, जूनियर ऑडिटर और जूनियर ऑफिस असिस्टेंट अकाउंट्स की भर्ती को राज्य सरकार लोक सेवा आयोग को दे चुकी है, जबकि ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट प्रयोग के आधार पर सीबीटी के लिए राज्य चयन आयोग को दिया गया है।
बाकी बचे 18 पोस्ट कोड अभी विजिलेंस ब्यूरो की एफआईआर से बाहर हैं, लेकिन इनको लेकर भी राज्य सरकार और विजिलेंस ब्यूरो से क्लीयरेंस चाहिए।
इस फाइल पर पेपर लीक से जुड़े एक डिप्टी जिला अटार्नी ने लिखा है कि उन्होंने कोर्ट में मुख्य आरोपी उमा आजाद को यह कहते सुना था कि अभी कई और पोस्टकोड में पेपर लीक हुए हैं।
राज्य चयन आयोग के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर राजकृष्ण परुथी ने एक कमेटी का गठन कर इन पोस्ट कोड को लेकर स्थिति साफ करना चाही है।
आयोग ने विजिलेंस की हमीरपुर थाने से दर्ज एफआईआर की डिटेल लेकर विजिलेंस मुख्यालय भेजी है और पूछा है कि क्या किसी और जिला के थाने में कोई और केस भी इन भर्तियों में दर्ज है या नहीं।
साथ ही मिनट्स में राज्य सरकार से डिमांड की गई है कि जो अभ्यर्थी ओवरएज हो गए हैं, उन्हें आयु सीमा में छूट दी जाए, ताकि प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। राज्य चयन आयोग ने अपने रूल्स ऑफ बिजनेस बनाने पर भी काम शुरू कर दिया है।
आयोग दीपक सानन कमेटी की रिपोर्ट में दिए गए विकल्प के अनुसार कम्प्यूटर आाधरित टेस्ट के साथ कम आवेदनों की सूरत में ओमर विधि से परीक्षा लेने की हक में नहीं है।
जिन 09 पोस्ट कोड में अब तक मामला दर्ज हो चुका है और जांच चल रही है, उनका रिजल्ट घोषित करने का अभी भी कोई रास्ता नहीं निकला है। विधि विभाग या कार्मिक विभाग के सचिव को ही इस बारे में फाइल पर लिखना होगा।
साथ ही यह भी देखना होगा कि एफआईआर के केस में क्या लोक सेवा आयोग रिजल्ट निकालने को राजी होता है या नहीं। अन्यथा ये रिजल्ट भी राज्य चयन आयोग को ही आएंगे।