प्रदेश में पहाड़ों ने ओढ़ी सफेद चादर

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हिमाचल प्रदेश में शनिवार सुबह बारिश और बर्फबारी के बाद कड़ाके की ठण्ड पड़ रही है. प्रदेश के अधिकतर स्थानों में बारिश हुई है वहीँ ऊंची चोटियों में बर्फ़बारी हुई है. यह बारिश और बर्फबारी फसल के लिए लाभदायक है. जोगिन्दरनगर की पहाड़ियों,चौहार घाटी में भी बर्फबारी हुई है जिससे क्षेत्र में शीतलहर बढ़ गई है.

सिरमौर जिला की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित चूड़धार में शुक्रवार रात को सीजन का चौथा भारी हिमपात हुआ। इसके साथ ही मध्यम और ऊंचाई वाले इलाकों नौहराधार और हरिपुरधार में भी बर्फबारी दर्ज की गई। बता दें कि चूड़धार में डेढ़ फुट के करीब बर्फ अभी जमी थी और अब फिर से हुए हिमपात से यहां पर कड़ाके की ठंड पड़ गई है ।

चूड़धार का तापमान माइनस डिग्री सेल्सियस में चल रहा है और इससे यहां पर पानी भी जम गया है। मंदिर में पुजारी कमलानन्द गिरि ने बताया कि यहां पर कड़ाके की ठंड के कारण हालात खराब होते जा रहे हैं।

कांगड़ा जिला में शुक्रवार रात भर हुई जोरदार बारिश से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। धौलाधार की पहाडिय़ों में हुई बर्फबारी से पालमपुर के पंचरुखी में लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं। बर्फबारी और बारिश के कारण शनिवार को दोपहर तक बाजार सूने रहे।

 

 

 

 

 

 

 

बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। किसानों का कहना है कि बारिश गेहूं के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। वहीं, समय पर बर्फबारी से अब साल भर फसलों की सिंचाई के लिए पानी का संकट नहीं होगा। बारिश के बाद शनिवार को पंचरुखी व आसपास के इलाकों में बिजली की आंखमिचौनी परेशानी का कारण बन गई।

वहीं, गोपालपुर में लंबे अंतराल के बाद हुई बारिश और धौलाधार पर बिखरी सफेद चांदी से मौसम सुहावना हो गया। बारिश से किसान गदगद हो गए हैं। और उन्हें अब बंपर फसल की उम्मीद जगने लगी है।

बारिश और जोरदार बर्फबारी के बीच कुल्लू प्रशासन अलर्ट हो गया और लोगों को सतर्क रहने के लिए जिलाधीश डाक्टर ऋचा वर्मा ने एडवायजरी जारी की है। जिलाधीश का कहना है कि खराब मौसम के चलते जिला कुल्लू के लोग और पर्यटक एहतियात बरतें।

पर्यटक बर्फ देखने के लिए सैलानी ऊंचाई वाले इलाकों में हरगिज न जाएं। इससे जान का जोखिम हो सकता है। आम लोग भी ऊंचाई वाले इलाकों में जाने से बचें।

बारिश के कारण नदी नालों के पास भी न रुकें। सभी लोग रात को सफर करने से बचें। उपायुक्त का कहना है कि बर्फबारी से प्रभावित सड़कों पर गाड़ी न चलाएं। कोहरा जमने के कारण गाडिय़ां फिसल कर हादसे का शिकार हो सकती हैं। इसके अलावा कई पर्यटक बर्फबारी में अकेले ही ट्रैकिंग के लिए निकलते हैं जो जान पर भारी पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग बर्फबारी वाली सड़कों पर मौसम खुलने और कोहरा पिघलने का इंतजार कर ही गाडिय़ों में निकलें। इस दौरान मनाली में तड़के 4 बजे से लेकर बर्फबारी होती रही और यहां पर ठंड बढ़ जाने के कारण लोग घरों में ही दुबक कर रहने को मजबूर हो गए हैं।

शनिवार सुबह अचानक शुरू हुई बर्फबारी से नारकंडा, मतियाना में सफेद चादर बिछ गई है जिस कारण समूचा इलका ठंड की चपेट में आ गया है। बर्फबारी से नारकंडा आए सैलानी और होटल कारोबारी सहित स्की से जुड़े लोगों के चेहरों पर मुस्कान आ गई है।

सुबह नारकंडा में चार इंच बर्फ जम गई थी, जिस कारण सड़क पर गाडिय़ों की आवाजाही भी बाधित रही। दोपहर 12 बजे के बाद एनएच पांच पर गाडिय़ां चलना शुरू हो गई।

सहायक अभियंता एनएच नारकंडा भूपेंद्र गोयल ने बताया कि नारकंडा से ओडी और मतियाना, कुफरी तक सड़क से बर्फ हटा दी गई है और फिसलन से बचने के लिए रेत डाली जा रही है। , वहीं एसडीएम कुमारसैन गुंजीत चीमा ने लोगों से अपील की है कि नारकंडा सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ के कारण रोड पर फिसलन का खतरा है, सावधानी और धैर्य से ड्राइव करे और नौसिखिए चालक गाडिय़ां ले जाने का रिस्क न लें।

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