हिमाचल में बनी 168 दवाइयों के सैंपल फेल

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एशिया के सबसे बड़े फार्मा मैन्युफैक्चरिंग हब माने जाने वाले हिमाचल प्रदेश में दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने राज्य विधानसभा में एक लिखित बयान पेश किया, जिसमें बताया गया कि 168 दवाई के नमूने गुणवत्ता जांच में खरे नहीं उतरे हैं।

इन नतीजों के बाद राज्य की बड़ी फार्मा इंडस्ट्री की जांच तेज कर दी गई है। साथ ही, अधिकारियों ने घटिया दवाओं के बाजार में आने और सर्कुलेशन को रोकने के लिए कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई तेज कर दी है।

भारतीय जनता पार्टी विधायक विपिन सिंह परमार के एक सवाल के लिखित जवाब में मंत्री ने सदन को बताया कि राज्य में औषधी एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत 40 मामलों में कानूनी कार्रवाई की गई है।

इसके अलावा 52 मामलों में प्रशासनिक कार्रवाई शुरू की गई है, जबकि गुणवत्ता में विफल हुए दवा नमूनों से जुड़े 65 मामलों में जांच जारी है। मंत्री शांडिल्य ने यह भी बताया कि 11 मामलों में संबंधित कंपनियों ने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और टेस्ट रिपोर्ट को चुनौती दी थी।

दोबारा जांच कराने पर दो सैंपल फिर से खराब पाए गए, जबकि शेष नौ मामलों की अंतिम रिपोर्ट सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल), कोलकाता से अभी आनी बाकी है। राज्य की औषधी निगरानी और परीक्षण क्षमता का जायजा लेने के बाद मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने अपना क्वालिटी कंट्रोल इंफ्रास्ट्रक्चर काफी मजबूत किया है।

बद्दी में एक अत्याधुनिक राज्य स्तरीय औषधी परीक्षण प्रयोगशाला बनाई गई है, जो राज्य के फार्मास्यूटिकल क्लस्टर का केंद्र है। इसके अलावा कंडाघाट में एक संयुक्त परीक्षण प्रयोगशाला दवाओं और खाद्य पदार्थों दोनों के नमूनों का विश्लेषण करती है।

मंत्री ने आगे बताया कि राज्य में वर्तमान में 651 दवा निर्माण इकाइयां संचालित हो रही हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फार्मास्यूटिकल उत्पादों का बड़ा आपूर्तिकर्ता होने के नाते हिमाचल प्रदेश की स्थिति को और मजबूत करती हैं।

हालांकि, गुणवत्ताा मे खरा ने उतरने वाले औषधी नमूनों की बढ़ती संख्या ने राज्य के फार्मा सेक्टर में अनुपालन (कंप्लायंस) और गुणवत्ता आश्वासन को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं।

विधायकों ने बार-बार गुणवत्ता में कमी के प्रभाव को लेकर चिंता जताई है, खासकर ऐसे क्षेत्र में जो भारत की दवा आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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