वर्षों से लटके कुल्लू के बिजली महादेव रोप-वे पर काम सरकार बदलते ही अचानक तेज हो गया है। इस रोप-वे में को राज्य सरकार हाइब्रिड एनुईटी मॉडल यानी हेम आधार पर बनाएगी और इसका काम भारत सरकार की एक कंपनी नेशनल हाई-वे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड करेगी।
राज्य सरकार की भागीदारी इसमें 40 फीसदी रहेगी, जबकि 60 फ़ीसदी भागीदारी इसी एजेंसी की है। बाद में यह राशि इसी रोप-वे से कंपनी रिकवर करेगी।
कुल्लू के विधायक और मुख्य संसदीय सचिव टूरिज्म सुंदर सिंह ठाकुर ने बताया कि यह रोप-वे कुल 2700 मीटर लंबा होगा और इसकी लागत 200 करोड़ के करीब रहेगी।
इसके लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस के केस अपलोड कर दिए गए हैं और जल्द क्लीयरेंस मिलने की भी उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस रोप-वे के लिए टेंडर की अवधि 10 मार्च रखी गई है, जिसे थोड़ा और बढ़ाया जा रहा है।
31 मार्च, 2023 से पहले पहले टेंडर फाइनल हो जाएगा। यह रोप-वे कुल्लू के पीरढ़ी से बिजली महादेव के लिए बनेगा। लागत को कम करने के लिए डिजाइन में भी बदलाव किया गया है।
सुंदर सिंह ठाकुर ने बताया कि सरकार बदलने के बाद इस रोप-वे के लिए नए सिरे से सर्वे हुआ है। डिजाइन में किए गए बदलाव के बाद नेशनल हाई-वे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड कंपनी ने उसी अनुसार टेंडर कॉल किए हैं।
इससे पहले कुछ साल पूर्व यह रोप-वे उषा ब्रेको को दिया गया था, लेकिन इस कंपनी द्वारा काम न करने के कारण इस आबंटन को टर्मिनेट कर दिया गया था।
तब से लेकर अब तक बिजली महादेव रोप-वे पर कोई बात आगे नहीं बढ़ी थी। फोरेस्ट क्लीयरेंस के एकदम बाद काम शुरू करने को लेकर राज्य सरकार वचनबद्ध है।