शिमला: हिमाचल प्रदेश में जेबीटी, कला और शास्त्री शिक्षकों को बैचवाइज भर्ती के माध्यम से ऐसे स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा, जहां कोई नियमित शिक्षक नहीं है या एक शिक्षक के सहारे ही स्कूल चल रहे हैं।
राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के 455 स्कूलों में नियमित शिक्षक नहीं हैं। 3148 स्कूल सिंगल टीचर के सहारे हैं।
इन स्कूलों में प्राथमिकता के आधार पर बैचवाइज माध्यम से चुने जाने वाले शिक्षकों को नियुक्ति दी जाएगी। प्रधानाचार्यों के रिक्त 269 पदों को छह मई के बाद पदोन्नति से भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
2900 शिक्षकों की भर्ती का अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव जाएगा
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 2900 शिक्षकों की भर्ती का अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव जाएगा। विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे।
पदोन्नति और बैचवाइज भर्ती की प्रक्रिया जारी है। बीते दिनों हुई कैबिनेट बैठक में उच्च शिक्षा के तहत 530 पदों की आयोग के माध्यम से भर्ती करने की मंजूरी मिली है।
जेबीटी और डीएलएड का मामला कोर्ट में है। कोर्ट के फैसले का इंतजार है। फैसला आने तक भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी। शारीरिक शिक्षक भर्ती मामला भी कोर्ट में है।
मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 12 हजार पद रिक्त हैं। हर साल सेवानिवृत्ति के चलते 1500 पद रिक्त होते हैं।
एसएमसी भर्ती की नीति का प्रस्ताव हुआ था वायरल
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीते दिनों एसएमसी के माध्यम से नियुक्त किए जाने वाले शिक्षकों की भर्ती की नीति का प्रस्ताव सोशल मीडिया में वायरल हुआ था।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल के समय यह भर्तियां हुई थीं। हमने इस भर्ती के प्रस्ताव को देखने के लिए प्रस्ताव मांगा था।अस्थायी शिक्षकों की भर्ती नहीं किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं।
प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती मामला सुलझाने दिल्ली जाएंगे मंत्री
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में करीब 4,000 प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती मामले को सुलझाने के लिए वो जल्द दिल्ली जाएंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर नर्सरी टीचर ट्रेनिंग के एक व दो वर्ष के डिप्लोमा को लेकर चर्चा करेंगे। कहा कि पूर्व सरकार ने भी प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रयास किए थे।
दो और एक वर्ष के डिप्लोमा का विवाद फंसा है। प्रदेश सरकार ने एक वर्ष के डिप्लोमा वालों को भर्ती करने का प्रस्ताव भेजा है। यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है। सरकार जल्द भर्ती के लिए प्रयासरत है।