हिमाचल के छोटे सोलर प्रोजेक्टों को केंद्र सरकार की सोलर पार्क योजना में शामिल कराने की तैयारी शुरू हो गई है। पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को इस बाबत प्रस्ताव भेजा है।
केंद्रीय योजना में राज्य पावर कारपोरेशन के छोटे सोलर प्रोजेक्ट शामिल होने से वित्तीय लाभ मिलेंगे। राज्य ऊर्जा विभाग ने ऊना में बनने वाले 42 मेगावाट सहित कई छोटे सोलर प्रोजेक्टों के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी है।
केंद्र की सोलर पार्क योजना में प्रदेश के छोटे प्रोजेक्ट शामिल होने से हिमाचल को डीपीआर तैयार करने सहित आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए बजट मिलना शुरू होगा।
डीपीआर बनाने के लिए प्रति मेगावाट अभी सात से आठ लाख रुपये का खर्च आता है। 20 से 50 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्टों की डीपीआर तैयार करने के लिए पावर कारपोरेशन को काफी धनराशि खर्च करनी पड़ रही है।
देश के पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय, असम और मणिपुर को छोटे सोलर प्रोजेक्ट लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बजट का प्रावधान किया है। डीपीआर और आधारभूत ढांचे के लिए इन राज्यों को केंद्र सरकार धनराशि उपलब्ध करवा रही है।
इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी केंद्र से वित्तीय मदद लेने के लिए प्रस्ताव भेजा है। राज्य पावर कारपोरेशन ने ऊना में 42 मेगावाट का सोलर प्रोजेक्ट लगाने की योजना तैयार की है।
इसके अलावा 50 से 60 मेगावाट की क्षमता के कई अन्य प्रोजेक्ट भी आने वाले दिनों में मंजूर होने वाले हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने इन प्रोजेक्टों को सोलर पार्क योजना में शामिल करने का मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है।
केंद्र सरकार इस बाबत क्या फैसला लेती है, इस पर प्रदेश सरकार की नजर टिकी है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद से हरित ऊर्जा पर काम शुरू किया है। वर्ष 2026 तक प्रदेश को हरित ऊर्जा प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा गया है।