पुलिस कर्मियों के हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों में लगने वाले किराए पर लिए गए फैसले की समीक्षा होगी। राज्य सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करेगी। यह बात कैबिनेट ब्रीफिंग करने वाले उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कही है।
हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि इस फैसले के बाद पुलिस जवान अपनी नाराजगी को लेकर सचिवालय में सभी मंत्रियों से मिले हैं। इसके बाद वे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी मिले थे। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया है कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाएगा।
इसलिए संभावना है कि कैबिनेट के इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए दोबारा कैबिनेट के सामने इसे रखा जा सकता है। हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कांग्रेस के ही विधायक और मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार के बयान का भी जवाब दिया है।
सीपीएस राम कुमार ने कैबिनेट ब्रीफिंग के बाद कहा था कि उद्योग मंत्री को पुलिस कर्मियों की यात्रा को फ्री बताने पर करेक्शन करनी चाहिए। जवाब में हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि कैबिनेट के फैसलों की ब्रीफिंग उनकी अपनी नहीं होती। ये कैबिनेट के लिए फैसले होते हैं।
गौरतलब है कि आठ अगस्त को हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि एचआरटीसी बसों में रियायती सुविधा का लाभ उठाने वाले सभी पुलिस कर्मियों, जेल अधिकारी, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सुरक्षा सेवाएं स्टाफ को एचआरटीसी बस में की जाने वाली यात्रा की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।
इस फैसले का पुलिस कर्मी विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि हर महीने 210 रुपए बस यात्रा के नाम पर सैलरी से काटे जाते हैं और यदि यह कम पड़ रहे हैं, तो यह राशि बढ़ाई जा सकती है।
पुलिस जवानों का कहना है कि री-इम्बर्समेंट के जरिए सरकार को और वित्तीय बोझ पड़ेगा। इसलिए इस फैसले पर पुनर्विचार होना चाहिए।