हिम टाइम्स – Him Times

ब्रॉडगेज होगी पठानकोट-जोगिन्दरनगर रेलवे लाइन

World Heritage Kalka-Shimla track

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा व मंडी जिलों को बड़ी सुविधा देने वाली 97 साल पुरानी पठानकोट-जोगिन्दरनगर नैरोगेज रेलवे लाइन अब ब्रॉडगेज होगी। इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो गया है।

करीब 195 किलोमीटर लंबी इस लाइन पर करीब 30 हजार करोड़ रुपए खर्चा आएगा। इसमें करीब सात टनल बनाने का प्रस्ताव है, जो करीब दस किलोमीटर लंबी होंगी। इस पर रेलवे के कुल 34 स्टेशन बनाए जाएंगे।

इस लाइन पर मौजूदा समय में करीब 950 पुल हैं, लेकिन ब्रॉडगेज करने पर 1150 पुल बनाने पड़ेंगे। यह रेललाइन पंजाब व हिमाचल के दो जिलों से होकर गुजरेगी, इनमें पठानकोट, कांगड़ा व मंडी जिला शामिल हैं।

सर्वे पूरा होने के बाद अब मामला रेलवे बोर्ड में जाएगा और फिर डीपीआर फाइनल होगी। एयरपोर्ट विस्तार के साथ रेलवे विस्तार भी हो जाए, तो हिमाचल पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा।

पठानकोट जोगिन्दरनगर नैरोगेज लाइन, जो 164 किलोमीटर लंबी है, अब 195 किलोमीटर हो जाएगी।

मौजूदा नैरोगेज लाइन भारत की सबसे लंबी दो फीट छह इंच (762 मिमी) वाली लाइन है और दुनिया की सबसे लंबी नैरोगेज लाइनों में से एक है।

अंग्रेजों के समय 1926 और 1928 के बीच बनी यह लाइन 950 पुलों, दो सुरंगों और लगभग 500 मोड़ों से होकर गुजरती है।

लगभग एक सदी से यह 30 लाख से अधिक लोगों के लिए एक महत्त्वपूर्ण परिवहन साधन रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में लगातार भूस्खलन, पुलों के ढहने और मिट्टी के कटाव के कारण कई बार यह लाइन बाधित होती रही है, जिससे कांगड़ा घाटी में जनजीवन प्रभावित हुआ है।

इससे यात्रियों को बसों और निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। आलम यह है कि तीन साल पहले बाढ़ में बह गया महत्त्वपूर्ण चक्की पुल भी अभी दोबारा शुरू नहीं हो पाया है, जिससे स्थिति और खराब हो गई है।

कई अन्य पुलों की दीवारें भी कमजोर हो गई हैं और खराब रखरखाव ने ट्रैक की स्थिति को बदतर बना दिया है। ऐसे में अब मेंटेनेंस के बजाय इसे ब्रॉडगेज कर प्रदेश को बड़ी सुविधा मिल सकती है।

राजीव भारद्वाज ने कहा
कांगड़ा-चंबा के लोकसभा सांसद डा. राजीव भारद्वाज का कहना है कि पठानकोट-जोगिंद्रनगर नैरोगेज रेलवे लाइन को ब्रॉडगेज में परिवर्तन के मामले को लोकसभा सहित रेलवे मंत्री के समक्ष उठाया था।

इसकी सर्वे रिपोर्ट तैयार हो गई है। पुरानी लाइन कंडम हो रही है। ऐेसे में नई लाईन बनाने के लिए केंद्रीय रेलवे मंत्री ने अश्विनी वैश्वण ने उनकी मांग पर सर्वे करवा कर कार्य आगे बढ़ाने की बात कही है।

अब मामला रेलवे बोर्ड में जाएगा, फिर डीपीआर बनेगी। इससे यहां आने वाले यात्रियों की क्षमता बढ़ेगी, माल ढुलाई तेज होगी और हिमाचल प्रदेश देश के बाकी हिस्सों से अधिक मजबूती से जुड़ जाएगा।

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