वोटर लिस्ट फाइनल करने से पहले होगा पंचायतों का पुनर्गठन

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हिमाचल में पंचायती राज एवं शहरी निकाय चुनाव की वोटर लिस्ट पब्लिश होने से पहले राज्य सरकार ने पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है।

सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में पंचायत पुनर्गठन के 42 प्रस्ताव जिलों को भेजने को कहा गया। पंचायती राज विभाग के सचिव सी पालरासु ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने डीलिमिटेशन को रोक रखा है, जबकि यह पुनर्गठन का मामला है।

उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव आचार संहिता के जिस प्रावधान का इस्तेमाल कर डीलिमिटेशन पर रोक लगाई है, उसके खिलाफ राज्य सरकार ने आयोग को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि आयोग के पास सिलेक्टिव तरीके से आचार संहिता लगने की शक्तियां नहीं हैं।

इसलिए इसे वापस लिया जाए। राज्य सरकार द्वारा पंचायत पुनर्गठन का फैसला लेने के कारण जिलों के उपायुक्त अब न तो वोटर लिस्ट को पब्लिश कर पाएंगे, न ही इसे छपाया जा सकेगा।

चुनाव करवाने के लिए हर वार्ड की वोटर लिस्ट को 20 प्रतियां छापना जरूरी है। हालांकि इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से दिए गए शेड्यूल के अनुसार जिलों ने इलेक्शन मेटेरियल को उठाना शुरू कर दिया है।

डीसी अपने जिले के शेड्यूल के अनुसार शिमला ट्रक भेज कर पूरी सुरक्षा के साथ बैलेट पेपर इत्यादि उठा रहे हैं, लेकिन चुनाव कब होंगे, इसको लेकर संशय बरकरार है।

पंचायत चुनाव पर यह बोले मंत्री

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि वर्तमान में राज्य में डिजास्टर एक्ट लागू है। इसलिए चुनाव कब होंगे, यह बताया नहीं जा सकता। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद चुनाव को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी।

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