शिमला: किरतपुर-नेरचौक फोरलेन की सुरंगों में ओवरटेक पर प्रतिबंध रहेगा। सुरंगों में प्लास्टिक के डिवाइडर लगाने का काम भी शुरू हो गया है। दो लेन की सुरंगों हो रहे हादसों के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने यह निर्णय लिया है।
सुरंगों में गति सीमा भी 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। किरतपुर-नेरचौक पर पांच सुरंगें बनाई गई हैं। सभी सुरंगें दो लेन की हैं।
हालांकि, सभी सुरंगों के समानांतर दो लेन की सुरंगें बनाई जाएंगी, लेकिन तब तक दोनों ओर का यातायात इन सुरंगों से चलता रहेगा।
फोरलेन पर ट्रायल के तौर पर यातायात बहाल करने के दौरान इन सुरंगों में कुछ बिगड़ैल चालकों ने नियमों की धज्जियां उड़ाईं। हाल में सबसे बड़ी कैंचीमोड़ टनल में ओवरटेक करते समय दो कारें आपस में टकरा गई थी।
ऐसे हादसे फोरलेन को पूरी तरह खुलने के बाद न हों, इसके लिए अब सुरंगों में प्लास्टिक के डिवाइडर लगाए जा रहे हैं। भवाणा और टिहरा सुरंग में डिवाइडर लगाने का काम जारी है।
तुन्नू, थापना और कैंचीमोड़ टनल में डिवाइडर लगाने का काम किया जाना है। सुरंगों के भीतर गति और ओवरटेक प्रतिबंध को लेकर जगह-जगह साइन बोर्ड लगे हैं। साइन बोर्ड में निर्धारित की गई स्पीड के हिसाब से ही वाहन चलाने होंगे।
सुरंगों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की गतिसीमा तय की गई है। सुरंगों में आधुनिक कैमरे में भी लगाए गए हैं। कैमरों के माध्यम से आधिकारिक रूप से फोरलेन शुरू होने पर नियमों का उल्लंघन करने पर ऑनलाइन कार्रवाई की जाएगी।
बहरहाल, अभी कैंचीमोड़ से मंडी-भराड़ी पुल तक फोरलेन पूरी तरह से बंद है। मंडी-भराड़ी से भवाणा तक यातायात चल रहा है। मंडी-भराड़ी से कैंचीमोड़ तक उपायुक्त के आगामी आदेशों तक फोरलेन बंद किया गया है।
किरतपुर-नेरचौक फोरलेन के परियोजना अधिकारी वरुण चारी ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से सभी टनलों में डिवाइडर लगाए जा रहे हैं, जल्द ही इनका कार्य पूरा होगा।