हिमाचल में एक और फोरलेन नेशनल हाईवे काम शुरू हो गया है। कालका-शिमला एनएच पर कैंथलीघाट से शकराल के बीच अढ़ाई साल में निर्माण पूरा करने का टारगेट तय किया गया है, लेकिन अभी भी सात नेशनल हाई-वे ऐसे हैं, जिन्हें फोरलेन में बदले जाने को लेकर फैसला लंबित है।
इनमें से एक हिस्सा शकराल से ढली के बीच का ही है, जो कालका-शिमला नेशनल हाई-वे का अंतिम प्रोजेक्ट है। इसे अभी तक फोरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिली है।
शकराल से ढली तक करीब 11 किलोमीटर नेशनल हाई-वे का निर्माण होना है और खास बात यह है कि इसमें एक बड़े पुल और संजौली बाजार के ठीक नीचे एक सुरंग का निर्माण भी प्रस्तावित है। यह सुरंग करीब एक किलोमीटर लंबी होगी।
इस पूरे प्रोजेक्ट पर 2070 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। इसके अलावा शिमला-मटौर के चार, मंडी-पठानकोट के दो और शकराल से ढली तक एक यह सात फोरलेन की मंजूरी का इंतजार अभी भी चल रहा है।
दरअसल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फोरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों में अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती है। वन विभाग के यह अधिकारी फोरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों में तीव्रता लाने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने कहा है कि राज्य सरकार की मदद से नेशनल हाई-वे को फोरलेन में बदलने के काम में तेजी आई है।
कालका-शिमला एनएच पर चार महीने से फंसी फोरेस्ट क्लीयरेंस अब मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद जारी हुई है। कैंथलीघाट से शकराल तक काम शुरू कर दिया गया है। (एचडीएम)
कंडाघाट में 207 मीटर लंबी सुरंग बनेगी
कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर ही कंडाघाट में टनल 207 मीटर और लंबी होगी। पहले यह लंबाई 460 मीटर थी। इसे अब 667 मीटर किया गया। इस सुरंग का 75 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
पूर्व में यह कहा गया था कि टनल के रास्ते में पानी का टैंक आने की वजह से दिक्कत आई है, लेकिन एनएचएआई ने अब पूरी स्थिति साफ कर दी है और सुरंग का निर्माण तय समय पर पूरा करने की भी बात कही है।
15 मई तक पूरा होगा कीरतपुर-नेरचौक एनएच
कीरतपुर-नेरचौक नेशनल हाई-वे का काम लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही इसका उद्घाटन होने वाला है। लोगों को चंडीगढ़ से मनाली पहुंचने में अब कम समय लगेगा। साथ ही पर्यटकों की आमद भी बढ़ेगी।
15 मई तक निर्माण पूरा करने की बात कही जा रही है। कीरतपुर से नेरचौक की दूरी करीब 37 किलोमीटर कम होगी। पहले यह दूरी 114 किलोमीटर थी। समूचे मार्ग में 36 हजार से ज्यादा पौधे भी रोपे जाएंगे।