मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐलान किया है कि प्रदेश के आपदा पीड़ितों को दिया जा रहा राहत पैकेज सात लाख रुपए का नहीं, बल्कि सात लाख 70 हजार रूपए का है।
उन्होंने विधानसभा में इसका खुलासा करते हुए कहा कि सरकार ने इस बार अपने राहत पैकेज को बढाया है। क्योंकि प्रदेश में आपदा की वजह से लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है और लोगों का सामान तक इसमें बह गया।
ऐसे में लोग परेशान हैं और सरकार उनकी ज्यादा से ज्यादा सहायता करना चाहती है। सदन में मंगलवार को हुई चर्चा के बाद विधायक लोकेंद्र कुमार द्वारा उठाए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार आपदा पीडि़तों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
पिछली बार के राहत पैकेज में सात लाख रुपए तक की राहत देने का निर्णय लिया गया था, मगर इस बार इसमें 70 हजार रुपए की राशि को बढ़ाया गया है। क्योंकि लोगों का सामान तक बह गया और अब उनके पास कुछ नहीं है।
ऐसे में सरकार ने लोगों को उनके बतरन व अन्य सामान देने के लिए भी 70 हजार रुपए की व्यवस्था इस पैकेज में की है। उन्होंने कहा कि सात लाख रुपए प्रभावितों को तुरंत नहीं मिलेंगे। इससे पहले उनको राहत देते हुए सरकार ने किराए पर मकान लेने की भी व्यवस्था की है।
लोग ग्रामीण क्षेत्रों में पांच हजार रुपए किराए पर रह सकते हैं, वहीं शहरी क्षेत्रों में प्रतिमाह 10 हजार रुपए तक का किराया उन्हें दिया जा रहा है।
इस आपदा राहत पैकेज को सराज ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए अधिसूचित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों का काफी नुकसान हुआ है, जिनको राहत देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना अधिकारियों का फर्ज है।
अधिकारियों को उनका सम्मान करना चाहिए और जन प्रतिनिधियों द्वारा कही गई बात का मान रखना चाहिए। विधायक लोकेंद्र कुमार से उन्होंने कहा कि यदि उनकी बात किसी अधिकारी ने नहीं मानी, तो उसका नाम बताएं। चर्चा में भाग लेते हुए रोहड़ू से विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में सडक़ों, रास्तों को नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में सडक़ों को भारी नुकसान पहुंचा है। कोटखाई-हाटकोटी सडक़ को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि पवर नदी पर 200 करोड़ से होने वाले चैनेलाइजेशन को पैसा मुहैया करवाया जाए।
बागा सराहन को बनाएंगे टूरिज्म डेस्टिनेशन
मुख्यमंत्री ने आनी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले बागा सराहन इलाके में पर्यटक को बढ़ाने पर बल दिया। सीएम ने कहा िक वह पिछले दिनों बागा सराहन गए थे और वहां पर उन्होंने कई घोषणाएं भी की थीं।
इसके बाद बागा सराहन स्कूल के लिए उन्होंने दो करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं, वहीं बागीपुल रोड को ठीक करने के लिए भी दो करोड़ रुपए जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से ऐसे क्षेत्रों का विकसित करना बेहद जरूरी है, प
रंतु यह एक या दो साल में नहीं हो सकता, बल्कि इसमें कई साल लगेंगे। बागा सराहन में पर्यटन की अपार संभावनाए हैं जहां पर टूरिज्म को विकसित करने के लिए सरकार कई नए प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा कि इस इलाके को विकसित करने के लिए सरकार अपनी तरफ से पुरजोर कोशिश करेगी। यह एरिया टूरिज्म डेस्टिनेशन बन सकता है।
लोकेंद्र बोले, आपदा के कारण सडकों पर सड़ रहा सेब
आपदा पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए आनी के विधायक लोकेंद्र कुमार ने कहा कि जिन मकानों को खतरा बना हुआ है, उनमें कैसे लोग रह सकते हैं।
इनके लिए भी सरकार को नियमों में प्रावधान करना चाहिए और राहत देते हुए उनको बसाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कई जगहों पर भू-स्खलन से नुकसान हुआ है। कुल्लू जिला मुख्यालय को जोडऩे वाली सडक पूरी तरह से बंद पड़ी है। इस कारण लोगों का सेब मंडियों तक पहुंच नहीं पा रहा है।
उन्होंने विभाग को सडक़ों की बहाली के आदेश देने का आग्रह किया। उन्होंने क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के पास पर्याप्त मशीनरी नहीं होने की बात कही। उन्होंने सेब एकत्रीकरण केंद्र इलाके में नहीं खुलने का मामला उठाया और कहा कि बागबानों का सेब सडक़ के किनारे पड़ी बोरियों में सडऩे लगा है।
मुख्यमंत्री का जवाब, सडक़ बंद होने से नहीं फंसा सेब
सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि सडक़ों के बंद होने की वजह से कहीं पर भी सेब की फसल नहीं फंसी है। विधायक के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने लोक निर्माण मंत्री को इस पर संज्ञान लेने को कहा वहीं बागबानी मंत्री से भी इसपर छानबीन करने को कहा।
उन्होंने कहा कि सेब एकत्रीकरण केंद्र कहां पर नहीं खुले हैं इसकी भी पड़ताल की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं है कि कहीं पर सडक़ बंद होने से सेब मार्केट तक नहीं पहुंच पा रहा है।
सरकार ने इसके लिए विशेष निर्देश दे रखे हैं और पूरी मशीनरी तन्मयता के साथ अपना काम कर रही है। जहां कहीं पर भी यदि सडक बंद होने से सेब फंसा है उस सडक़ को प्राथमिकता के आधार पर खोला जाएगा, जिसके निर्देश उन्होंने लोक निर्माण मंत्री को दिए।