नेशनल हाई-वे निर्माण की स्पीड़ बढ़ गई है। एनएचएआई 30 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से हाई-वे का निर्माण कर रहा है। यह खुलासा केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिव्यू मीटिंग में हुआ है।
इस मीटिंग में देश भर के तमाम नेशनल हाई-वे का अवलोकन किया गया। जिन राज्यों में एनएच को फोरलेन से आठ लेन तक बनाया जा रहा है उनकी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और इस रिपोर्ट के आधार पर जो आंकड़े सामने आए हैं, उनमें एनएच निर्माण की टॉप स्पीड का आकलन किया गया है।
एनएच की इस स्पीड का बड़ा फायदा हिमाचल में भी होने वाला है। यहां पांच एनएच को फोरलेन में बदला जा रहा है। बीते आठ सालों में यह दूसरी मर्तबा है, जब निर्माण की गति ने 30 किलोमीटर से पार जाएगी।
हालांकि अभी भी केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 50 किलोमीटर प्रतिदिन तक ले जाने की बात कही है। इससे पूर्व 2020-21 में कोविड के दौरान निर्माण की गति सबसे ज्यादा रही थी। इस दौरान 36.5 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से निर्माण हुआ था।
पांच एनएच का चल रहा काम
हिमाचल में इस समय कालका-शिमला, शिमला-मटौर, पठानकोट-मंडी, कीरतपुर-मनाली और पिंजौर-नालागढ़ एनएच को फोरलेन में बदलने का काम चल रहा है।
इनमें से कालका-शिमला में परवाणू से सोलन के बीच के हिस्से को छोड़ दें तो अन्य सभी जगह पर निर्माण तीव्र गति से पूरा हो रहा है। कालका-शिमला एनएच को तीन चरणों में बनाया जा रहा है।
पांच एनएच का चल रहा काम
एनएचएआई के आरओ अब्दुल बासित ने बताया कि हिमाचल में एनएच निर्माण की गति तेजी से बढ़ रही है। केंद्र से मिल रहे आदेशों को पूरा किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार के साथ तालमेल कर जो निर्माण शुरू होने हैं उन पर भी मंथन जारी है।
प्रदेश में अभी भी फोरेस्ट क्लीयरेंस के कई मामले फंसे हैं। जिन पर मुख्यमंत्री से एक बैठक हो चुकी है और आने वाले दिनों में निर्माण शुरू होने की संभावनाएं बन रही हैं। आगामी दिनों में जो भी फोरलेन के काम शुरू होंगे, उन्हें तीन साल में पूरा किया जाएगा।