हिमाचल में ओल्ड पेंशन को लेकर अब नए पेंशन रूल्स बनाने तथा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी का ड्राफ्ट तैयार करने पर काम शुरू हो गया है।
वित्त विभाग की तरफ से विधि विभाग में भेजी गई फाइल वापस आ गई है। हालांकि इसमें न्यू पेंशन स्कीम के एग्रीमेंट पर विधि विभाग ने गोलमोल जवाब दिया है।
वित्त विभाग ने एनपीएस एग्रीमेंट और पीएफआरडीए एक्ट की प्रतियां साथ भेजकर विधि विभाग से पूछा था कि इस एग्रीमेंट को अगर एकतरफा तोड़ा जाए, तो इसके साइड इफेक्ट क्या होंगे?
विधि विभाग से राय आने के बाद अब नई पेंशन रूल्स पर काम शुरू हो गया है। हालांकि जीपीएफ का क्या करना है?
इस बारे में अभी निर्देशों का इंतजार है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि राज्य सरकार के स्तर पर अभी यह फैसला पुनर्विचार के तहत है कि एनपीएस कंट्रीब्यूशन को पूरी तरह बंद किया जाए या नहीं?
हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि कर्मचारी को रिटायर होने के बाद ओल्ड पेंशन ही मिलेगी। यह विचार केंद्र के उस ऑफर के बाद है, जिसमें एनपीएस कंट्रीब्यूशन के बदले अतिरिक्त लोन लेने की अनुमति दी गई है।
वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि ओल्ड पेंशन पर कैबिनेट अलग से भी हो सकती है। मुख्यमंत्री के बजट भाषण से पहले इस बारे में सारी चीजें फाइनल होंगी।
उधर, सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सोशल मीडिया अकाउंट से हरियाणा के उन कर्मचारियों को भी समर्थन दे दिया गया, जो ओल्ड पेंशन के लिए वहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस हरियाणा में भी ओल्ड पेंशन को ही मुख्य मुद्दा बनाने जा रही है।
बजट पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने की सीक्रेट मीटिंग
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को अपने पहले बजट पर एक सीक्रेट बैठक की है। यह बैठक राज्य सचिवालय या मुख्यमंत्री कार्यालय में होने के बजाय प्रशासनिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हिपा मशोबरा में हुई है।
इस बैठक में मुख्य सचिव समेत कुछ चुनिंदा अफसर शामिल हुए। 14 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में सुक्खू पहली बार बजट पेश करेंगे और यही बजट उनकी सरकार की दिशा बताएगा।