शिमला: केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में मनरेगा योजना में डाटा एंट्री के लिए 4 जून तक की मोहलत दी है। केंद्र सरकार के इन निर्देशों को राज्य ग्रामीण विभाग के निदेशक ने सभी उपायुक्तों और खंड विकास अधिकारियों को निर्देश जारी किया है।
इसमें स्पष्ट किया गया है कि 4 जून तक वित्तीय वर्ष 2022-23 की सभी डाटा एंट्री कर ली जाएं। इसके बाद एंट्री के लिए अतिरिक्त समय नहीं मिलेगा।
इसमें राज्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि लंबित बिलों की प्रविष्टियां दर्ज की जाएं, जिनका जिक्र राज्य सरकार की ओर से किया गया है। कोई भी नया मस्टररोल पिछले वित्त वर्ष का जारी करके एंट्री नहीं की जाएगी।
नया एफटीओ जारी नहीं होगा। न ही नई मांग की एंट्री की जाएगी। यह निर्देश राज्य ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक रुगवेद ठाकुर ने जारी किए हैं।
इन निर्देशों को उपायुक्त, खंड विकास अधिकारियों के अलावा परियोजना निर्देशक मनरेगा और परियोजना निदेशक डीआरडीए को भी जारी किया गया है।
यह उल्लेखनीय है कि 31 मार्च 2023 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 की मनरेगा कार्य की कई प्रविष्टियां दर्ज नहीं हो पाई थीं। इससे विभिन कार्य का भुगतान रुक गया था।
ऐसे स्थिति में राज्य सरकार की ओर से केंद्र से अनुरोध किया गया था कि ऑनलाइन डाटा एंट्री के लिए अतिरिक्त अवधि दी जाए। इसके चलते केंद्र सरकार ने मोहलत दी है। इससे राज्य की हजारों पंचायतों को राहत मिली है।