शिमला: कीरतपुर-मनाली नेशनल हाईवे को हुए नुकसान की रिपोर्ट एनएचएआई ने राज्यपाल को सौंपी है। एनएचएआई ने आगामी 12 दिन में नेशनल हाईवे को पूरी तरह से बहाल करने का आश्वासन दिया है।
एनएचएआई ने यह रिपोर्ट गुरुवार को राज्यपाल के साथ हुई बैठक में उन्हें सौंपी है। इस मौके पर एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि इस नेशनल हाईवे पर सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू-मनाली-पंडोह के बीच हुआ है।
कुल्लू-मनाली पर दर्जनों जगह हाईवे बिलकुल बह गया है और वाहनों की आवाजाही रायसेन से लेफ्ट बैंक के माध्यम से की जा रही है। उन्होंने बताया कि कुल्लू-मनाली के बीच जो संपर्क कट गए हैं, उनमें लोगों को राहत देने के लिए चार से पांच मीटर चौड़ा वैकल्पिक रास्ता बनाया जा रहा है। इससे छोटे वाहन आ जा सकेंगे।
अभी क्लॉथ और 16 मील के बीच पांच किलोमीटर का वैकल्पिक मार्ग बनाना बाकी है। इसं भी अगले 10 से 12 दिन में पूरा कर लिया जाएगा। खराब मौसम और लगातार बारिश के चलते निर्माण कार्यों में बाधा आ रही है।
रायसेन-पतलीकूहल के बीच मार्ग बना लिया गया है। उन्होंने बताया कि पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ हाईवे पर 50 साल पुराने ब्रिज के तीन स्पैन गिर गए थे।
इसके बराबर में एनएचआई एक परमानेंट ब्रिज बना रहा है, परंतु उद्योगों के लिए वैकल्पिक पुल का कार्य बहुत तेजी से दिन-रात चल रहा है।
केंद्र सरकार ने राजमार्गों के लिए बनाई एक्सपर्ट कमेटी
बाढ़ के नए मानकों से राजमार्गों को ठीक करने के लिए भारत सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई है। इसमें आईआईटी, मंडी, रुडक़ी, के प्रोफेसर और रिटायर्ड एनएचएआई के मेंबर प्रोजेक्ट शामिल हैं।
इस रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल शिव प्रसाद शुक्ल ने एनएचएआई के कार्यों पर संतोष जताया है। इससे पहले राज्यपाल ने 15 जुलाई को मंडी-कुल्लू-मनाली का दौरा किया था।
बाढ़ में हुए नुकसान का जायजा लिया गया था तथा एनएचएआई को राजमार्गों की मरम्मत कर यातायात को संचालित करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने इस बैठक के दौरान उन्हें पूरी जानकारी दी।