कर्ज में डूबे हुए हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा उत्पादकों को सरकार बड़ी राहत प्रदान करेगी। जिन ऊर्जा उत्पादकों के प्रोजेक्ट 50 फीसदी से ज्यादा बन चुके हैं और अभी इनमें काम चल रहा है, उनको लेकर सरकार विस्तृत अध्ययन करेगी और जल्दी ही बड़े फैसले लिए जाएंगे।
यह ऐलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने किन्नौर दौरे के दौरान किया। मुख्यमंत्री सोमवार को किन्नौर जिला में निर्माणाधीन शोंगटोंग बिजली परियोजना के काम को देखने के लिए पहुंचे थे।
उन्होंने परियोजना का दौरा करने के बाद दिव्य हिमाचल से विशेष बातचीत में कहा कि हिमाचल प्रदेश के छोटे ऊर्जा उत्पादकों को राहत देने के लिए सरकार जल्दी ही कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश को अमल में लाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे ऊर्जा उत्पादकों की चिंता करती है और उनके लिए बड़े फैसले लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यहां एक और ऐलान करते हुए कहा कि कांगड़ा जिला में 200 मेगावाट क्षमता का सोलर प्रोजेक्ट लगाया जाएगा।
यह परियोजना हिमाचल की सबसे बड़ी सोलर परियोजना होगी, जिसका काम हिमाचल पावर कारपोरेशन को दिया जा रहा है। इसके साथ हिमाचल प्रदेश जियो थर्मल परियोजनाओं की तरफ भी ध्यान दे रहा है, ताकि हिमाचल प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का दोहन किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 32 मेगावाट की पेखूबेला परियोजना के अलावा अघलार व भंजाल परियोजनाएं भी तैयार की जा रही है, जिससे सर्दियों के दिनों में राज्य को दूसरे प्रदेशों से बिजली नहीं खरीदनी पड़ेगी।
एक अन्य सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार ने 58000 करोड़ रुपए का बजट पारित किया, लेकिन उसमें से भी 52000 करोड़ रुपए वास्तविक रूप में सरकार के पास हैं, जबकि 6000 करोड़ रुपए का बड़ा होल अर्थव्यवस्था में सामने आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ हिमाचल प्रदेश का कुल बजट ही 58000 करोड रुपए तक पहुंचा है, वहीं दूसरी तरफ सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड जो हिमाचल की संपदा का दोहन कर रहा है, का वार्षिक बजट 67000 करोड़ रुपए का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा हिमाचल प्रदेश की अमूल्य संपदा का दोहन किया जा रहा है, तो फिर हिमाचल सरकार की अपनी कंपनी पावर कॉरपोरेशन क्यों नहीं कर सकती। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने पावर कारपोरेशन को कई और परियोजनाएं देने का निर्णय लिया है जिन पर लगातार काम चल रहा है।
हिमाचली संपदा को लुटने नहीं देंगे
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बार फिर साफ शब्दों में कहा है कि हिमाचल प्रदेश की संपदा को लूटने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की जयराम सरकार ने हिमाचल प्रदेश की अमूल्य संपदा को लुटाया है।
उन्होंने कहा कि सतलुज जल विद्युत निगम को धौलासिद्ध, लुहरी और सुन्नी परियोजनाएं बिना शर्तों के दे दी गईं, जिसमें हिमाचल प्रदेश को 12 फ़ीसदी मुफ्त रॉयल्टी भी हासिल नहीं होगी। ऐसे में प्रदेश सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए तय किया है कि वह इन परियोजनाओं को टेकओवर कर लेगा।
सरकार की शर्तों पर मिलेंगे प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सतलुज जल विद्युत निगम को हिमाचल से बिजली परियोजनाएं चाहिए, तो राज्य सरकार की शर्तों पर ही मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से इस मामले में नेगोशिएशन करने के लिए एक पत्र आया है, जबकि प्रदेश सरकार ने इन तीनों परियोजनाओं में अब तक खर्च हुई धनराशि का मूल्यांकन करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर हिमाचल की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी।
केंद्र सरकार के किसी भी उपक्रम को परियोजनाएं हिमाचल सरकार की शर्तों पर ही मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के अधिकारियों में काम करने की बड़ी क्षमता है मगर बार-बार अफसर शाही की क्षमता पर सवाल खड़े किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य बिजली बोर्ड और पावर कॉरपोरेशन बड़े परियोजनाएं तैयार करने में सक्षम है और सरकार इनके माध्यम से हिमाचल कि इस संपदा का भरपूर दोहन करेगी
20 साल में भी नहीं बना प्रोजेक्ट
पावर कॉरपोरेशन की शोंगटोंग परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 20 साल से यह परियोजना बनकर तैयार नहीं हो सकी, क्योंकि पूर्व की सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
यह एक ऐसी परियोजना है जो हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए जो भी करना होगा वह किया जाएगा।
सर्दियों में हिमाचल प्रदेश को दूसरे राज्यों से महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ती है, लेकिन जब हिमाचल के अपने सोलर प्रोजेक्ट तैयार हो जाएंगे उनसे इतनी बिजली होगी कि सर्दियों में दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। ऊर्जा क्षेत्र में सरकार और भी कई बड़े कम आने वाले समय में उठाने जा रही है।