भर्ती परीक्षाओं में यदि नकल करते पकड़े गए, तो अब सीधा जेल होगी। हिमाचल सरकार ने कैबिनेट के फैसले के बाद हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को हिमाचल प्रदेश प्रिवेंशन ऑफ मालप्रैक्टिस एक्ट के दायरे में लाया है।
इस बारे में अधिसूचना अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्मिक विभाग की ओर से जारी हुई है। अब क्लास-3 की भर्ती प्रक्रिया में नकल करते पकड़े जाने या कोई अन्य गैरकानूनी तरीका अपनाने वाले अभ्यर्थियों पर क्रिमिनल कार्रवाई हो सकेगी।
इस एक्ट के तहत ऐसे अभ्यर्थी, जिनकी उम्र 18 साल से कम होगी, यदि वे नकल करते पकड़े गए, तो उन्हें ही अरेस्ट होने के बाद बेल पर छूटने का अधिकार होगा, लेकिन इस एज ग्रुप से अधिक के अभ्यर्थियों को बेल में छूट नहीं मिलेगी, इसमें अभ्यर्थी के साथ-साथ नकल करने में सहयोग देने वाले स्टाफ पर क्रिमिनल केस बनेगा।
इसके साथ ही जिन इनविजिलिटर या अधिकारी के अंडर परीक्षा में नकल करते हुए अभ्यर्थी पकड़ा गया, तो उक्त अधिकारी को अभ्यर्थी के साथ तीन साल की जेल के साथ पांच हजार रुपए जुर्माना देना होगा।
सुंदरनगर का मामला सामने आने के बाद ही कैबिनेट में इस एक्ट को लाया गया था, इसमें कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में लाने के लिए मंजूरी भी दी गई थी। अब इस बारे में आदेश जारी हो चुके हैं।
अभी तक लागू की गई व्यवस्था के तहत नकल पाए जाने पर दोबारा पेपर देने की अनुमति नहीं मिलती थी, लेकिन अब इसमें कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। इससे पहले केवल बोर्ड और अन्य शिक्षण संस्थानों में ही यह एक्ट लागू था लेकिन अब इसे भर्ती परीक्षाओं में भी लागू कर दिया गया है।