हिमाचल प्रदेश सरकार 3700 पदों पर करेगी भर्ती

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हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई। बैठक में विभिन्न विभागों, बोर्ड में 3700 पद भरने की मंजूरी दी है। इनकी भर्ती राज्य चयन आयोग और आउटसोर्स माध्यम से होगी।

इसके अलावा 1602 बिजली मित्र भर्ती करने का भी फैसला लिया है। साथ ही कैबिनेट ने हिमाचल के 100 सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू करने का भी निर्णय लिया है। वहीं, सरकार ने हायर ग्रेड पे वापस लेने का निर्णय भी बदल दिया है।

कैबिनेट बैठक में 31 से ज्यादा एजेंडा आइटम आई थी। जिन पर मंत्रिमंडल ने विस्तृत चर्चा कर महत्वपूर्ण निर्णयों पर मुहर लगाई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं।

1602 बिजली उपभोक्ता मित्र के पद भरे जाएंगे
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 1602 पद बिजली बोर्ड में बिजली उपभोक्ता मित्रों के स्वीकृत किए गए। इन्हें आउटसोर्स आधार पर भरा जाएगा। अभी तक वन व पशु मित्रों की भर्ती की गई है। अब बिजली उपभोक्ता मित्र के पद भी भरे जा रहे हैं।

1000 टी-मेट व 645 पटवारी भर्ती होंगे
उन्होंने कहा कि 1000 पद राज्य चयन आयोग के माध्यम से रेगुलर टी-मेट के भरे जाएंगे। इसी तरह राजस्व विभाग में 645 पद पटवारियों के भरे जाएंगे।

950 पंचायत सचिव की नियुक्ति होगी
मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के 400 पद, डॉक्टरों के 200 पद, पंचायतीराज विभाग में भी लगभग 950 पंचायत सचिव, मेडिकल कॉलेजों में 38 पद असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रदेश सचिवालय में स्टेनो टाइपिस्ट के 25 पद स्वीकृत किए गए।

परवाणू और धर्मपुर पुलिस थाना में कान्सटेबल के पद स्वीकृत
कैबिनेट ने चंडीगढ़-शिमला फोरलेन पर बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए परवाणू और धर्मपुर पुलिस थाना में 38 पद कॉन्स्टेबल, लोकायुक्त में 2 पद जेओए आईटी और 5 पद साइंटिफिक ऑफिसर के स्वीकृत किए।

100 सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू करने को मंजूरी
कैबिनेट ने शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए 100 सरकारी स्कूलों में सीबीएसई का पाठयक्रम शुरू करने को मंजूरी दी। अभी तक ये सरकारी स्कूल हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्धता लेकर चल रहे हैं।

मगर अब इनमें सीबीएसई का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। सरकार ने तर्क दिया है कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है।

नीट, जेईई व अन्य तरह की जो परीक्षाएं होती है उसमें सीबीएसई से संबंधित पाठ्यक्रम के ही प्रश्न पूछे जाते हैं। हिमाचल के बच्चें इन परीक्षाओं में न पिछड़ें, इसलिए यह निर्णय लिया गया है।

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