हिमाचल सरकार ने इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के लोन के लिए किया आवेदन

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हिमाचल सरकार ने इस वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही यानी जनवरी से मार्च तक की लोन लिमिट के लिए अप्लाई कर दिया है। वित्त विभाग ने इससे संबंधित डॉक्यूमेंट केंद्रीय वित्त मंत्रालय को भेज दिए हैं।

केंद्र सरकार एक सामान्य प्रक्रिया के तहत अप्रैल से दिसंबर तक की लोन लिमिट पहले देती है और आखिरी तिमाही की लिमिट अलग से दी जाती है।

वर्तमान वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर तक के लिए 6200 करोड़ के आसपास लिमिट हिमाचल को मिली थी। इस लिमिट में आखिरी 500 करोड़ ही बचे थे, जिसे लोन के तौर पर लेने का फैसला हुआ है।

एक-दो दिन में यह लोन नोटिफाई हो जाएगा और दिसंबर के पहले सप्ताह में आरबीआई के माध्यम से लगने वाली खुली बोली से यह पैसा राज्य सरकार के खाते में आ जाएगा।

इसे नवंबर की पेंशन की अदाएगी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके पहले ही सरकार ने जनवरी से मार्च तक की लिमिट के लिए अप्लाई कर दिया है।

पिछले वित्त वर्ष में हिमाचल को आखिरी तिमाही के लिए 1700 करोड़ की लोन लिमिट मिली थी, जिसका पूरा इस्तेमाल करना पड़ा था। इस बार भी स्थिति लगभग वैसी ही है।

हिमाचल को राज्य की अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार से प्रतिवर्ष 8000 करोड़ के करीब लोन की लिमिट मिलती है।

पहले एनपीएस कंट्रीब्यूशन के बदले भी 1500 करोड़ लोन लिमिट मिल जाती थी, लेकिन ओल्ड पेंशन देने के बाद यद्द बंद हो गई है। राज्य सरकार के सामने अगले वित्त वर्ष मे ज्यादा मुश्किल चुनौती आने वाली है, क्योंकि रिवेन्यू डेफिसिट ग्रांट इस वर्ष से भी आधी रह जाएगी।

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