मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 8 अगस्त को मंत्रिमंडल बैठक बुलाई है। बैठक में मानसून के कारण आई प्राकृतिक आपदा के प्रभावितों को राहत प्रदान करने को लेकर रणनीति बन सकती है।
इससे पहले भी राज्य सरकार पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के लिए 4,500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज लेकर आई थी।
इसमें पूरी तरह से टूट चुके घरों का निर्माण करने के लिए 7 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया था, जिससे प्रदेश में करीब 3,500 प्रभावित परिवारों को लाभ पहुंचा था। इसके लिए सरकार ने अपने रिलीफ मैनुअल में भी संशोधन किया था।
सरकार इस बार भी नियमों में ढील देकर आपदा प्रभावितों की मदद कर सकती है। इसी तरह विभिन्न विभागों की तरफ से आने वाले प्रस्तावों के आधार पर खाली पदों को भरने एवं सृजित करने संबंधी निर्णय लिया जा सकता है।
होम स्टे को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की तरफ से की गई सिफारिशों पर भी मंत्रिमंडल में कोई चर्चा हो सकती है। इसके अलावा सरकार ने पिछली मंत्रिमंडल बैठक में जिन 3 मंत्रिमंडलीय उपसमितियों का गठन किया था, उनको लेकर भी अधिसूचनाएं जारी कर दी गई हैं।
इसमें न्यायालय से जुड़े विभिन्न विषयों को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह इसके सदस्य तथा सचिव विधि सदस्य सचिव होंगे।
करुणामूलक आधार पर नौकरी के मामलों के समाधान के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है।
इसमें टीसीपी मंत्री राजेश धर्माणी एवं आयुष मंत्री यादविंदर गोमा सदस्य तथा सचिव/विशेष सचिव वित्त सदस्य सचिव होंगे। हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड लिमिटेड से जुड़े विषयों को लेकर टीसीपी मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है।
आयुष मंत्री यादविंदर गोमा इसके सदस्य तथा राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया विशेष आमंत्रित सदस्य तथा बिजली बोर्ड के एमडी सदस्य सचिव होंगे।