सरकारी स्कूल को मर्ज करने पर हाई कोर्ट की रोक

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प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला जिला के सराहन शिक्षा खंड के तहत आने वाली राजकीय प्राथमिक पाठशाला निन्वी को राजकीय केंद्र प्राथमिक पाठशाला गानवी में मर्ज करने पर रोक लगा दी है।

मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने शारदा देवी व अन्यों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात यह आदेश जारी किए।

कोर्ट ने कहा कि जब तक सरकार कोर्ट को यह आश्वस्त नहीं कर देती कि 10 वर्ष से छोटे बच्चों को नए स्कूल तक पहुंचने में कोई मुश्किल नहीं होगी, तब तक यह रोक जारी रहेगी।

प्रार्थी ने सरकार के 17 अगस्त को जारी उन आदेशों को चुनौती दी है जिसके तहत राजकीय प्राथमिक पाठशाला निन्वी को राजकीय केंद्र प्राथमिक पाठशाला गानवी में मर्ज करने के आदेश जारी किए गए थे।

प्रार्थियों का कहना था कि निन्वी स्कूल से गानवीं स्कूल तक आने जाने की दूरी 10 किलोमीटर है। छोटे बच्चों को इस स्कूल तक जाने के लिए घने जंगल से होते हुए जाना पड़ेगा।

बच्चों को खतरनाक पहाड़ी रास्तों से होते हुए जाना पड़ेगा जिसमें उन्हें जंगली जानवरों का खतरा भी बना रहेगा। कोर्ट ने सरकार के उक्त स्कूल को मर्ज करने के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि विभाग को कई बार वास्तविक स्थिति से अवगत करवाने के आदेश दिए गए थे परंतु विभाग ऐसा नहीं कर पाया।

कोर्ट को सौंपी हिदायतों में उपनिदेशक शिमला को मौके पर जाकर तथ्यों की वास्तविक जानकारी जुटाने को कहा गया है। मामले पर अगली सुनवाई 25 सितम्बर को होगी।

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