शिमला: प्रदेश में स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया यानी पीएम-श्री योजना शुरू कर दी गई है। देश के साथ-साथ हिमाचल के स्कूलों के स्कूल भी इसमें मॉडल बन पाएंगे।
इस बारे में सभी स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जिस पर 27,360 करोड़ रुपए का खर्च होगा। इस योजना में इन स्कूलों में केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय सहित राज्यों एवं स्थानीय निकायों द्वारा संचालित सरकारी स्कूल शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री की इस योजना से करीब 18 लाख स्टूडेंट्स को फायदा होगा। इसके लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा जिस पर हर स्कूल के हर छात्र के प्रदर्शन का ब्यौरा होगा।
इसके लिए पांच वर्ष में हर स्कूल को दो करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वहीं पहली बार केंद्र से स्कूलों को सीधे फंड दिया जाएगा जो 40 फीसदी तक हो सकता है।
इसकी निगरानी की भी उचित व्यवस्था की जाएगी। इसमें नई शिक्षा नीति के तहत सभी स्कूल आदर्श स्कूलों के रूप में काम करेंगे। इसके तहत स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयं आवेदन करना होगा।
इस योजना के पहले दो सालों के दौरान, पोर्टल को वर्ष में चार बार यानी प्रत्येक तिमाही में एक बार खोला जाएगा। खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा।
ये सभी मॉडल स्कूल बनेंगे और इनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पूरी भावना समाहित होगी। पीएम-श्री स्कूल योजना को 2022-2027 तक पांच साल की अवधि में लागू किया जाएगा।
इसमें बच्चों को ये फायदा होगा कि बच्चों को दस दिन बिना बैग के स्कूल आने का सिस्टम भी शुरू होगा। इसके साथ ही स्कूलों में बच्चों की सुविधा के लिए हाइटैक लैब भी शुरू होगी। पायलट परियोजना के आधार पर पीएम-श्री स्कूलों में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की जाएगी।
रोजगार बढ़ाने पर फोकस
स्कूल मार्गदर्शन प्रदान करके अन्य स्कूलों को उनके संबंधित क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान करेंगे। रोजगार बढ़ाने के लिए क्षेत्र कौशल परिषदों और स्थानीय उद्योगों के साथ जोड़ा जाएगा।
सुविधाओं पर काम
राज्य सरकार भी स्कूलों के लिए नामांकन कर सकते हैं। स्कूलों के चयन के लिए 60 मानक निर्धारित किए गए हैं। इसमें पक्की इमारत, पेयजल सुविधा, लडक़े-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय, खेल का मैदान, दिव्यांग बच्चों के लिए सुविधाएं आदि शामिल हैं।