फोरलने अपडेट : फोरलेन की बहाली को हाई पावर कमेटी गठित, केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल ने हाई कोर्ट को दी जानकारी

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शिमला: हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में क्षतिग्रस्त हुई फोरलेन सडक़ों की बहाली के मामले में सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वर्चुअल माध्यम से अदालत के समक्ष पेश हुए। उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त राजमार्गों की बहाली के लिए उचित और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

कोर्ट को बताया गया कि एनएचएआई ने एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है, जिसमें आईआईटी रूडक़ी व मंडी तथा एनएचएआई के अनुभवी सदस्यों को शामिल किया गया है।

मामले की आगामी सुनवाई 22 सितंबर को निर्धारित की गई है। उल्लेखनीय है कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में 45 वर्ष के अनुभव वाले इंजीनियर की शिकायत पर अदालत ने कड़ा संज्ञान लिया है। श्यामकांत धर्माधिकारी की ओर से लिखे पत्र में आरोप लगाया गया है कि पहाड़ों के कटान से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।

forelne update High Power Committee constituted

प्रदेश में त्रुटिपूर्ण इंजीनियरिंग से बनाई जा रही भूमिगत सुरंगे, सडक़ें और पुलों से पहाड़ों का अनियोजित उत्खनन किया जा रहा है। सडक़ों में ढलान और अवैज्ञानिक तरीके से पुल और सुरंगों का निर्माण किया जाना नुकसान का कारण बनता है।

तकनीक की कमी और पुराने उपयोग के कारण सडक़ की रिटेनिंग दीवारें कमजोर हैं। जल निकासी के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है।

चिंता का विषय है कि तीन मीटर सडक़ के दोनों तरफ की जमीन अतिरिक्त रूप से अधिग्रहीत की गई है, जबकि शहरों और गांवों में सर्विस लेन नहीं हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। बड़े पैमाने पर वनों की कटाई के कारण भूमि कटाव हुआ है, जो लगातार भूस्खलन आदि का कारण बन रहा है।

 

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