शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों की वर्दी का रंग फिलहाल नहीं बदलेगा। इस सेशन में पुराना ड्रेस कोड ही लागू रहेगा। शिक्षा विभाग की ओर से इस संदर्भ में स्कूलों को लिखित में निर्देश जारी कर दिए हैं।
इन निर्देशों के बाद असमंजस में चल रहे अभिभावकों के साथ प्रदेश के सैकड़ों वर्दी विक्रेताओं के लिए भी राहत की खबर आई है क्योंकि एक तरफ जहां बच्चों के माता-पिता समझ नहीं पा रहे थे कि वे वर्दी के लिए कपड़ा खरीदें या नहीं, वहीं दूसरी ओर दुकानदार असमंजस में थे कि यदि वे कपड़ा लाते हैं और यदि स्कूलों में वर्दी का ड्रैस कोड बदल गया तो उनके कपड़े की तो बर्बादी हो जाएगी, क्योंकि फिर उसे कौन खरीदेगा।
दरअसल प्रदेश में नई सरकार के बनने के बाद शिक्षा विभाग में वर्दी के वितरण को लेकर काफी बदलाव किए गए हैं। ऐसे में इस बात पर भी मंथन चल पड़ा था कि वर्दी का रंग बदला जा सकता है लेकिन अभिभावकों की सुविधा को देखते हुए सरकार ने फिलहाल इस सेशन में यह निर्णय टाल दिया है।
बता दें कि एक तरफ जहां सरकार ने स्कूलों में पूर्व सरकार के ड्रेस कोड को ही लागू रखा है वहीं अब वर्दी के कपड़े की जगह विद्यार्थियों की माताओं के खाते में सीधे 600 रुपए देने की पहल शुरू की गई है। विभाग की ओर से यह पैसा ट्रांसफर भी कर दिया गया है। (एचडीएम)
आठवीं कक्षा तक ही मिली सुविधा
अटल स्कूल वर्दी योजना के तहत पूर्व में प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक पढऩे वाले करीब साढ़े आठ लाख विद्यार्थियों को पहले मुफ्त स्मार्ट वर्दी दी जाती रही है, लेकिन वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार ने अब केवल आठवीं कक्षा तक ही इस सुविधा का लाभ विद्यार्थियों को दिया गया है।