बॉर्डर में हिंदुस्तान का एक और किला मजबूत हो गया है। चीन अधिकृत तिब्बत सीमा से सटे समदो बॉर्डर तक बीआरओ 108 आरसीसी (सीमा सडक़ संगठन) ने हिंदुस्तान तिब्बत सामरिक मार्ग को चकाचक कर दिया है।
समुद्रतल से दस हजार फुट की ऊंचाई पर किन्नौर के नाको से चांगो तक सडक़ मार्ग को डबल लेन करने के साथ इस पर टायरिंग का काम भी पूरा कर लिया है।
सेना के वाहन अब बिना अड़चन के समदो बॉर्डर तक हर मौसम में आसानी से पहुंच सकेंगे। समदो में भारतीय सेना के साथ आईटीबीपी की भी अग्रिम चौकियां स्थापित है।
जो 24 घंटे चीन की नापाक हरकतों पर नजर रखते हैं। चंडीगढ़-शिमला रूट से वाया किन्नौर होते हुए चीन अधिकृत तिब्बत सीमा से सटे लाहुल-स्पीति जिला के समदो बॉर्डर तक सेना के वाहनों के लिए डबल लेन सडक़ पूरी तरह तैयार हो गई है।
इससे पहले नाको से चांगो तक सेना के वाहनों को कच्ची सडक़ से दस हजार फुट की ऊंचाई पर बेहद धीमी गति से सफर करना पड़ रहा था, लेकिन बीआरओ 108 आरसीसी ने कड़ाके की ठंड और हिमपात के बीच इतनी ऊंचाई पर बहुत कम समय मे सडक़ मार्ग को डबल लेन करने के साथ इस पर टायरिंग का काम भी पूरा कर लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिवाली में समदो बॉर्डर पहुंच कर सेना के जवानों का हौसला बढ़ा चुके हैं। सामरिक लिहाज से समदो बॉर्डर की बहुत बड़ी एहमियत है।
यहां से चंद ही किलोमीटर की दूरी पर चीन अधिकृत तिब्बत की सीमा शुरू हो जाती है। विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि बीआरओ भारतीय सीमाओं पर विपरीत मौसम में भी काम करते हुए बॉर्डर को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। -एचडीएम