जम्मू-कश्मीर से हिमाचल को जोडऩे की तैयारी नेशनल हाई-वे के माध्यम से हो रही है। नेशनल हाई-वे इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कारपोरेशन (एनएचआईडीसीएल) ने डबललेन मार्ग के निर्माण की प्रक्रिया को पूरा करने का काम छेड़ रखा है।
खास बात है कि थरथरी-कालूजुगासर-किलोहतरन -मक्कन-चासूल तक करीब 80 किलोमीटर लंबे इस मार्ग में हिमाचल का हिस्सा करीब दस किलोमीटर का है। मक्कन से चासूल तक डबललेन सडक़ का निर्माण हिमाचल की सीमा में होगा।
इस मार्ग पर जम्मू-कश्मीर के काहलजुगासर में एक चार किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण भी किया जाएगा। यह मार्ग चंबा जिला को डोडा और किश्तबाड़ से जोड़ेगा।
मार्ग में सबसे लंबा हिस्सा डोडा जिला का आएगा। यहां डबललेन मार्ग की लंबाई 65 किलोमीटर होगी। जब किश्तबाड़ में यह लंबाई पांच किलोमीटर की होगी।
इसके बाद मार्ग का दस किलोमीटर का हिस्सा हिमाचल में आएगा। केंद्र सरकार ने 2018 में जम्मू-कश्मीर को इस नए नेशनल हाई-वे की सौगात दी थी। हालांकि हिमाचल की तरफ से जम्मू-भद्रवाह-कालूजुगासर-मक्कन-सनवाल मार्ग को एनएच में तबदील करने की मांग की जा रही है, लेकिन इस मांग पर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई सहमति नहीं दी है।
चुराह के विधायक हंसराज ने भद्रवाह-सनवाल मार्ग को नेशनल हाई-वे में बदलने के संबंध में केंद्र सरकार से मंजूरी पर सवाल उठाया था, लेकिन इसके जवाब में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस मार्ग को मंजूरी न मिलने की बात कही है। उन्होंने जानकारी दी है कि थरथरी-काहलजुगासर-किलोहतरन-मक्कन-चासूल को नेशनल हाई-वे बनाने को मंजूरी दे दी है।
एनएचआईडीसीएल तैयार कर रहा मार्ग की डीपीआर
जम्मू-कश्मीर की सीमा के बाहर हिमाचल की तरफ दस किलोमीटर मार्ग का निर्माण किया जाएगा। इस मार्ग को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है और अब इसकी डीपीआर बनाने का काम चल रहा है।
नेशनल हाई-वे इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कारपोरेशन इस मार्ग की डीपीआर तैयार कर रहा है। इस मार्ग के निर्माण से मणिमहेश यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर से आने वाले तीर्थ यात्रियों की मुश्किलें आसान होंगी। इसके साथ ही हादसों का क्रम भी थम जाएगा।