देश में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर केंद्र एवं राज्यों के सरकारी कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। इस मांग को लेकर दिल्ली और दूसरे प्रदेशों में कई रैलियां हो चुकी हैं। कर्मचारी संगठनों की एक ही मांग है, गारंटीकृत पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली।
केंद्र सरकार ने इस बाबत एक कमेटी का भी गठन किया है। हालांकि उसमें ओपीएस का कहीं भी जिक्र नहीं है। कमेटी केवल एनपीएस में सुधार को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी। यह मामला अब संसद में भी उठा है।
लोकसभा सदस्य नव कुमार सरनीया, दीपक बैज और कृपाल बालाजी तुमाने द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि ओपीएस बहाली के लिए सरकार के विचाराधीन ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
साथ ही एनपीएस के तहत पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) में कर्मियों का जमा पैसा, राज्य सरकारों को नहीं दिया जा सकता।
मौजूदा समय में केंद्र सरकार के अंतर्गत 67,95,449 पेंशनभोगी हैं। दरअसल लोकसभा सदस्य नव कुमार सरनीया, दीपक बैज और कृपाल बालाजी तुमाने ने पूछा था कि देश में पेंशनभोगियों की संख्या कितनी है।
सरकार द्वारा ओपीएस को दोबारा से आरंभ करने वाले राज्यों को एनपीएस का धन वापस करने के लिए क्या निर्णय लिया गया है।
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में ओपीएस की बहाली के लिए सरकार के विचाराधीन ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
सरकारी कर्मचारियों के संबंध में एनपीएस के अंतर्गत पेंशन के मुद्दे को देखने के लिए तथा अन्य बातों के साथ-साथ, मौजूदा रूपरेखा के आलोक में और एनपीएस अवसंरचना जैसा कि सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है, उसमें कोई परिवर्तन आवश्यक हो, उसके लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है
पांच राज्यों ने लागू की है ओपीएस
राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार/पीएफआरडीए को उनके कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम पर वापस लौटने के अपने निर्णय के बारे में सूचित कर दिया है।
इन राज्य सरकारों ने अंशदान की वापसी/निकासी और उस पर प्राप्त लाभ के लिए अनुरोध किया है। हालांकि पंजाब सरकार ने भारत सरकार को सूचित किया है कि वह एनपीएस में कर्मचारी और सरकारी अंशदान का भुगतान जारी रखेगी।