राज्य चयन आयोग को मिला पहला काम, कैबिनेट ने ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट की भर्ती वापस दी

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शिमला : हिमाचल में नए सिरे से बनाए गए राज्य चयन आयोग को सरकार ने पहली भर्ती दी है। धर्मशाला में विधानसभा के विंटर सेशन के दौरान बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य चयन आयोग को ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट की भर्ती प्रयोग के आधार पर करने को कहा गया है।

यह भर्ती टाटा कंसलटेंसी सर्विस के माध्यम से करवाई जाएगी। हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को पेपर लीक के मामले के बाद बंद कर दिया गया था और राज्य चयन आयोग नए सिरे से बनाया गया है।

हालांकि यहां अभी अध्यक्ष, मेंबर्स या कर्मचारी की नियुक्ति नहीं हुई है। नई भर्ती परीक्षा को एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर ही पूरी करवाएंगे। कैबिनेट ने शिक्षा विभाग की स्कूल एडॉप्शन पॉलिसी को अप्रूव कर दिया है।

इसके जरिए सरकारी स्कूलों को अब समाज के प्रतिष्ठित लोग गोद ले सकेंगे। यह सरकारी स्कूलों के पैटर्न घोषित होंगे और स्कूल के संसाधनों में भी मदद करेंगे। स्मार्ट यूनिफार्म के लिए भी कैबिनेट ने एक नया फैसला लिया है।

सभी सरकारी स्कूलों को चार विकल्प दिए जाएंगे और उनमें से हर स्कूल अपनी पसंद की वर्दी चुन सकेगा। मंत्रिमंडल ने डॉक्टर वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना में भी संशोधन किया है।

cabinet meeting State Selection Commission got its first job

इस योजना के तहत एक फीसदी ब्याज पर एजुकेशन लोन बच्चों को सरकार देगी और केस को अप्रूव करने के लिए 72 घंटे की टाइमलाइन को सात दिन कर दिया गया है। मंत्रिमंडल ने राज्य में स्थित बिजली बोर्ड के तीन स्कूलों और नयनादेवी ट्रस्ट के एक स्कूल को टेकओवर करने का फैसला किया है।

इन स्कूलों को चलाने के लिए स्टाफ की सैलरी बिजली बोर्ड और नयनादेवी ट्रस्ट ही देंगे, लेकिन स्कूल का मैनेजमेंट शिक्षा विभाग के तहत होगा। ये स्कूल किन्नौर के भावनगर और सिरमौर आदि जगहों पर स्थित हैं।

राजस्व विभाग में रिटायर हो चुके पटवारी और कानून को की सेवाएं दोबारा लेने का मामला कैबिनेट में नहीं लगा और इसे अगली बैठक के लिए टाला गया है।

शिक्षा विभाग में गेस्ट फैकल्टी टीचर रखने की पॉलिसी भी अब अगली कैबिनेट में आएगी। नेशनल हैल्थ मिशन में स्टाफ नर्स और पैरामेडिकल की नई भर्तियों को भी मंजूरी दी गई है।

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