आखिरकार शिमला के नेरवा क्षेत्र के गुम्मा गांव के समीप हुए भीषण हादसे का सच कंडक्टर ने बता दिया है। जिस तरह से हादसा हुआ वह किसी के भी रौंगटे खड़े कर देगा।
वीरवार को परिवहन विभाग उत्तराखंड और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने अपर आयुक्त परिवहन सुनीता सिंह के नेतृत्व में घटनास्थल का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने हादसे में बचे कंडक्टर और एक अन्य युवक के बयान दर्ज किए।
घटनास्थल के मुआयने के बाद टीम ने हिमाचल के नेरवा थाने जाकर वहां की पुलिस से भी दुर्घटना के बारे में जानकारी इकठ्ठी की। एआरटीओ (प्रवर्तन) विकासनगर रत्नाकर सिंह ने बताया कि कंडक्टर ने बयान दर्ज कराया है कि स्टेयरिंग से ड्राई एंड रॉड जुड़ी होती है, यह रॉड जिस बोल्ट से स्टेयरिंग से जुड़ी होती है, वह टूट गई थी।
इसके बाद ड्राइवर ने स्टेयरिंग को जुगाड़ से सही किया। लेकिन कुछ दूर जाने पर स्टेयरिंग से यह रोड अलग हो गई और साथ ही किसी चीज के टूटने की आवाज आई। आवाज सुनते ही सारे यात्री जोर जोर से चिल्लाने लगे। उन्होंने बस रोकने के लिए कहा लेकिन तब तक स्थित हाथ से निकल चुकी थी। देखते ही देखते बस पीछे की ओर खिसक गई और खाई में लुढ़क गई।
नेरवा (हिप्र) पुलिस ने मृत बस चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। हादसे में जान गंवाने वाले 45 लोगों में से अब तक 38 की शिनाख्त कर ली गई है। इसमें चार उत्तर प्रदेश, एक बिहार और दो नेपाल के अलावा सभी उत्तराखंड और हिमाचल निवासी थे।
एआरटीओ ने बताया कि हादसे की विस्तृत जांच के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचना संभव हो सकेगा। नेरवा पुलिस ने हादसे में मारे गए बस चालक कमल पुत्र सरिया राम निवासी ग्राम निमगा, त्यूनी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।