किरतपुर-नेरचौक फोरलेन की सबसे बड़ी सुरंग बनकर तैयार है। उपमंडल श्री नयनादेवी जी के कैंचीमोड़ स्थित 1800 मीटर लंबी इस सुरंग में ऑक्सीजन और नाइट्रोजन गैसों की मात्रा जानने वाले सेंसर लगाए गए हैं।
सुरंग में वेंटिलेशन के लिए फैन, सुरक्षा के लिए टेलीफोन, कैमरे और अग्निशमन यंत्र भी स्थापित किए गए हैं। टनल में हाई मास्ट लाइट्स भी लगाई गई हैं। यह सुरंग 22 माह में बनकर तैयार हुई है।
इस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। अप्रैल के अंत में इससे यातायात शुरू कर दिया जाएगा। किरतपुर-नेरचौक फोरलेन की पहली और सबसे बड़ी कैंची मोड़ टनल का काम साल 2015 में शुरू हुआ था।
निर्माण कर रही आईएल एंड एफएस कंपनी के दिवालिया होने पर साल 2017 में सुरंग की खुदाई का बाद काम बंद हो गया। करीब साढ़े तीन साल काम बंद रहने के बाद साल जुलाई 2021 में भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने फिर से सुरंग का काम शुरू किया।
इसी साल दिसंबर में सुरंग के दोनों छोर मिले। इसके बाद लाइनिंग का काम शुरू किया गया। यह सुरंग नेरचौक तक बनने वाली पांच सुरंगों में सबसे अधिक लंबी है।
भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी इस सुरंग का निर्माण श्री नयनादेवी के तहत पंचायत स्वाहण में कर रही है। इसका एक छोर कैंची मोड और दूसरा मेहला गांव में है। मेहला गांव की ओर अभी पुलों का निर्माण किया जा रहा है।
इस कारण अभी यातायात शुरू नहीं हो पाया है। इन पुलों के निर्माण के बाद फोरलेन नेरचौक तक शुरू हो जाएगा। कंपनी अधिकारियों के अनुसार पुलों का निर्माण अप्रैल के अंत तक हो जाएगा।
दूसरी ट्यूब की 1100 मीटर की खुदाई हुई पूरी
फोरलेन की सबसे बड़ी कैंचीमोड़ टनल की दूसरी ट्यूब (समानांतर सुरंग) का भी निर्माण किया जा रहा है। उसकी करीब 1100 मीटर की खुदाई पूरी हो चुकी है। दूसरी ट्यूब पर 280 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
दूसरी ट्यूब को हर 300 मीटर पर पहली ट्यूब से मिलाया जा रहा, जिससे इसके अंदर बाधा आने पर यातायात को दूसरी तरफ से घुमाया जा सके।