बारिश से HRTC के 500 रूट ठप, सडक़ें बंद होने से थमे गाडिय़ों के पहिए, परिवहन निगम को हर रोज लाखों का नुकसान

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शिमला: हिमाचल में भारी बारिश के कारण जनजीवन फिर से अस्त व्यवस्त हो गया है। प्रदेश में दो एनएच समेत 400 से ज्यादा सडक़ें बंद हो गई है। इन सडक़ों के बंद होने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।

एचआरटीसी प्रबंधन से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश भर में एचआरटीसी के 500 से ज्यादा रूट प्रभावित हुए है। इन रूटों पर बस सेवा बंद हो गई है।

प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में एचआरटीसी ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट की भूमिका निभाती हैं, लेकिन 500 से ज्यादा रूट बंद होने से लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पिछले एक महीने में एचआरटीसी सभी रूटों पर सेवाएं नहीं दे पा रहा है। इससे जहां लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं, तो वहीं दूसरी ओर से एचआरटीसी का घाटा भी दिनप्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

प्रदेश विभिन्न क्षेत्रों में एचआरटीसी की बसें फंसने के कारण जहां आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं, तो वहीं एचआरटीसी को भी हर दिन लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

500 routes of HRTC stalled due to rain

एचआरटीसी प्रबंधन से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं बाधित होने और बारिश के कारण बस स्टैंड व वर्कशॉप को हुए नुकसान का आंकड़ा 20 से 25 करोड़ को पार कर चुका है।

कोविड काल के बाद से एचआरटीसी घाटे से उभर नहीं पाया है। वर्तमान में एचआरटीसी का कुल घाटा 1355 करोड़ से अधिक का बताया जा रहा है। एक ओर जहां सरकार व एचआरटीसी प्रबंधन एचआरटीसी को घाटे से निकालने के लिए योजनाएं बना रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर हिमाचल में आई आपदा से एचआरटीसी की मुश्किले और अधिक बढ़ गई है।

सरकार ने जारी की एडवाइजरी

उन क्षेत्रों में रात को यात्रा करने से बचे जहां सडक़ें उचित नहीं हैं, गाड़ी चलाते वक्त लो बीम (फोग) लाइट का इस्तेमाल करें
बारिश के दौरान जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें
अनावश्यक यात्रा से बचें
नदियों और नालों से दूर रहें

दिल्ली-चंडीगढ़ के लिए वैकल्पिक व्यवस्था

शिमला-कालका हाई-वे चक्की मोड़ पर फिर से बंद हो गया है। ऐसे में दिल्ली-चंडीगढ़ के लिए एचआरटीसी ने वैकल्पिक रूट चिन्हित किए है।

एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि रविवार शाम पांच बजे के बाद दिल्ली के लिए वाया नाहन होकर बसें जाएगी।

इसके अलावा शिमला से चंडीगढ़-ऊना जाने वाले बसें वाया कुनिहार रामेश्वर सिस्वान से होकर चंडीगढ़ जाएगी। चक्की मोड़ खुलने यातायात बहाल होने तक यही व्यवस्था रहेगी।

3600 रूटों पर बसों का संचालन

वर्तमान में हालत यह कि एचआरटीसी कर्मचारियों व पेंशनरों की पेंशन के लिए सरकार पर निर्भर है। एचआरटीसी को कर्मचारियों के वेतन व पेंशनरों की पेंशन के लिए सरकार से 69 करोड़ रुपए की राशि हर माह लेनी पड़ती है। एचआरटीसी प्रदेश भर में कुल 3600 रूटों पर बसों का संचालन करता हैं।

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