शिमला : कांगड़ा जिला के गग्गल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जिला प्रशासन को फरवरी महीने में करीब 2700 करोड़ रुपए चाहिए। भूमि अधिग्रहण शुरू करने के लिए आर एंड आर प्लान लगभग फाइनल स्टेज पर है और इसके अनुसार इस लागत के भुगतान के दो चरण होंगे।
पहले 2200 करोड़ प्रभावितों को बांटे जाएंगे और महंगाई सूचकांक के हिसाब से करीब 560 करोड़ और लगेंगे। जिला प्रशासन ने इन आंकड़ों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के धर्मशाला दौरे के दौरान प्रेजेंटेशन भी दे दी है।
वैप्कोस द्वारा पहले बनाई गई टेक्नो इकोनामिक फीजिबिलिटी रिपोर्ट को भी दोबारा से बनाने का काम शुरू हो गया है और एजेंसी के पांच मेंबर टूरिज्म के अधिकारियों और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ दोबारा से कांगड़ा एयरपोर्ट का दौरा कर चुके हैं।
यह दौरा 11 दिसंबर से 13 दिसंबर के बीच हुआ और अब संशोधित डीपीआर तैयार की जा रही है। इससे पहले वैप्कोस ने एयरपोर्ट को बनाने के लिए 10996 करोड़ की लागत की रिपोर्ट दे दी थी, जिसे पर्यटन विभाग ने खारिज कर दिया था। आईआईटी रुडक़ी से भी मदद ली जा रही है। अंतिम लागत का आकलन नए सिरे से करने के बाद केंद्र सरकार को केस भेजा जाएगा।
परिवार के हर व्यस्क सदस्य को पांच लाख
अब नई बात यह है कि कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए फेमिली की परिभाषा को नए सिरे से परिभाषित किया गया है। इसके तहत इस मुआवजे को देने के लिए परिवार के हर व्यस्क सदस्य को अलग फेमिली माना जाएगा और भूमि अधिग्रहण लागत के अलावा ऐसे सदस्यों को प्रति सदस्य पांच लाख रुपए की एनन्युटी अलग से मिलेगी।
दूसरी तरफ इस बारे में राज्य सरकार ने क्लेरिफिकेशन जिला प्रशासन को भेज दी है। आर एंड आर प्लान में इस धनराशि को शामिल किया जा रहा है।
दो चरणों में होगा काम
इस प्रोजेक्ट में दो चरणों में रनवे की लंबाई मौजूद 1376 मीटर से 3010 मीटर तक की जानी है। पहले चरण में यह लंबाई 1900 मीटर तक जाएगी और फिर दूसरे चरण में तीन किलोमीटर की दूरी पार होगी। मुख्यमंत्री ने दोनों चरणों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया एक चरण में ही पूरा करने की आदेश दिए थे।
राज्य सरकार करेगी निजी भूमि का भुगतान
147-75-87 हेक्टेयर भूमि की पहचान की गई है। इसमें 122-66-23 हेक्टेयर निजी भूमि है, जिसकी लागत का भुगतान राज्य सरकार को करना होगा। धर्मशाला में हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया को तेज करने को कहा है।
हालांकि राज्य के फाइनेंस सेक्रेटरी के सामने फरवरी में यह धनराशि उपलब्ध करवाने की चुनौती है। एक तरफ राज्य सरकार प्राइवेट पार्टनर लाने की संभावनाओं को देख रही है, तो दूसरी तरफ अगले वित्त वर्ष का बजट भी इस एयरपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।