प्रदेश में 18 लाख उपभोक्ता जला रहे 300 यूनिट बिजली, 14.62 लाख उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य

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हिमाचल में 300 यूनिट मुफ्त बिजली का फैसला सरकार लेती है, तो इसका फायदा करीब 18 लाख उपभोक्ताओं को होगा। यह तमाम वो उपभोक्ता हैं , जिनकी मासिक बिजली खपत 300 यूनिट के दायरे में है। यह संख्या कुल उपभोक्ता की 70 से 75 फीसदी के बीच होगी और इनके भुगतान को सबसिडी के रूप में राज्य सरकार को झेलना होगा।

जो एक अनुमान के मुताबिक करीब दो हजार करोड़ तक पहुंच सकती है। इस समय सालाना 125 यूनिट पर सरकार को 1200 करोड़ रुपए की सबसिडी चुकानी पड़ रही है। बिजली बोर्ड ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली का प्रारूप तैयार कर लिया है। बोर्ड इस प्रारूप को सरकार को सौंपेगा और इसके बाद आगामी बजट में सरकार मुफ्त बिजली पर फैसला ले सकती है।

हालांकि यह बड़े घाटे का सौदा साबित होने वाला है। प्रदेश में इस समय 125 यूनिट तक बिजली को मुफ्त किया है। पूर्व सरकार के समय पहले 60 यूनिट नि:शुल्क और उसके बाद इसे बढ़ाकर 125 यूनिट किया था।

60 यूनिट में प्रदेश के करीब चार लाख उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली मिल रही थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 125 यूनिट करने से इसका लाभ 14 लाख 62 हजार लोगों को मिलना शुरू हो गया। लेकिन लाभ के एवज में सरकार को भारी-भरकम सबसिडी का भुगतान बिजली बोर्ड को करना पड़ रहा है।

इसमेें 125 यूनिट बिजली उपभोक्ता इस्तेमाल कर रहे हैं उसका बिल सरकार चुका रही है। बोर्ड ने 300 यूनिट बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की लिस्टें तैयार कर ली हैं।

प्रदेश में इस समय करीब 22 लाख 59 हजार उपभोक्ता हैं और इनमें से 18 लाख से अधिक उपभोक्ता 300 यूनिट से कम बिजली की खपत करते हैं। इनमें से 14 लाख 62 हजार उपभोक्ता 125 यूनिट इस्तेमाल करने वाले हैं, जिन्हें फिलहाल कोई बिल नहीं चुकाना पड़ रहा है।

300 यूनिट बिजली की खपत को नि:शुल्क करने के बाद प्रदेश में 18 लाख उपभोक्ता ऐसे हो जाएंगे, जिन्हें जीरो बिल आएगा। इसके बाद बिल अदायगी की श्रेणी में महज चार लाख उपभोक्ता बचेंगे और इनमें से भी बड़ी संख्या बड़े औद्योगिक घरानों की होगी।

फ्री बिजली का प्रारूप तैयार

बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक पंकज डढवाल ने बताया कि 300 यूनिट मुफ्त बिजली का प्रारूप बोर्ड ने बनाया है। इस प्रारूप को जब भी सरकार के आदेश होंगे प्रस्तावित कर दिया जाएगा।

बोर्ड प्रदेश सरकार के आदेश पर उपभोक्ताओं को सुविधा देने के लिए यह कदम उठाएगा। फिलहाल, सरकार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली के प्रारूप का मसौदा नहीं सौंपा गया है। जैसे ही सरकार से जानकारी मांगी जाएगी, बोर्ड सभी तथ्य सौंप देगा।

बंद हों मुफ्त की सुविधाएं

बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरा लाल शर्मा ने कहा कि सरकार को फ्री के कल्चर से बाहर आना होगा। इससे न सिर्फ बिजली बोर्ड का नुकसान है बल्कि उपभोक्ताओं को भी भविष्य में मुश्किलें झेलनी होंगी।

यह हालात निरंतर जारी रहे तो वह दिन दूर नहीं जब बिजली बोर्ड को निजी हाथों में सौंपना पड़ेगा। इस बारे में जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी।

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