हिमाचल की पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में खोले गए 386 स्कूलों को बंद करने का मामला कैबिनेट में जा सकता है। शिक्षा विभाग के अनुसार इसमें प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया गया है।
इसमें जयराम सरकार ने जो 386 शैक्षणिक संस्थान खोले थे, उनमें सीनियर सेकेंडरी स्कूल 98, हाई स्कूल 131, मिडिल स्कूल 85, प्राइमरी स्कूल 45 और 23 नए कॉलेज शामिल हैं, जिन्हें डि-नोटिफाई किए जाने का फैसला कैबिनेट को लेना है।
उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा ने बताया कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में खोले गए 386 शैक्षणिक संस्थानों की लिस्ट तैयार कर ली है। इन संस्थानों को डि-नोटिफाई किए जाने का फैसला कैबिनेट को लेना है।
प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा। शिक्षा विभाग कहना है कि इनमें अधिकांश स्कूल ऐसे हैं, जिनमें 10 से 15 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। 120 सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऐसे हैं, जहां पर कॉमर्स और साइंस विषय शुरू किए गए हैं। इन्हीं स्कूलों को डी-नोटिफाई किए जाने का मामला अंडर प्रोसेस है।
गौर रहे कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद प्रदेश में 513 ऑफिस को बंद किया गया। 56 संस्थानों को बंद किए जाने का मामला अंडर प्रोसेस है। स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा 181 संस्थानों को बंद किया गया। सरकार का कहना है कि इन स्कूलों को बंद करने से पहले इनमें आरटीई यानी राइट टू एजुकेशन और स्टूडेंट एनरोलमेंट को देखा जाएगा।
शिक्षक संगठन नाराज
प्रदेश सरकार के इस फैसले का कुछ शिक्षक संगठन भी विरोध कर रहे हैं। शिक्षक संगठनों का कहना है कि उन्हें प्रदेश सरकार के इस फैसले से आपत्ति नहीं है, लेकिन यदि ये स्कूल बंद होते हैं तो इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा। फरवरी और मार्च में बच्चों की फाइनल परीक्षाएं होनी हैं, ऐसे में बच्चे कहां जाएंगे।