सुक्खू ही रहेंगे सीएम: ऑब्जर्वर्स ने सभी पक्ष किए संतुष्ट, लोकसभा चुनाव के लिए जुटने को कहा

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शिमला : हिमाचल में कांग्रेस विधायकों में हुई बगावत और राज्यसभा चुनाव में मिली हार के बाद सरकार पर आया संकट टल गया है और सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने रहेंगे। कांग्रेस हाईकमान की ओर से भेजे गए दो पर्यवेक्षकों ने सभी विधायकों, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री से बात कर विवादों को सुलझाने का दावा किया है।

शिमला में पिछले दो दिन से जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास ओक ओवर में ऑब्जर्वर डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस के सभी विधायकों के साथ मीडिया के सामने आए।

डीके शिवकुमार ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने कुछ फैसले लिए हैं। कांग्रेस का कोई भी विधायक दोबारा चुनाव नहीं चाहता और पांच साल का कार्यकाल सरकार में पूरा करना चाहता है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ही रहेंगे और सरकार और संगठन में बड़े फैसलों पर सहमति बनाने के लिए एक कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई जाएगी। इसमें मुख्यमंत्री, पीसीसी प्रेजिडेंट और उपमुख्यमंत्री को मिलाकर कुल छह सदस्य होंगे।

इस कोऑर्डिनेशन कमेटी की घोषणा दिल्ली से की जाएगी। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कहा कि यदि किसी विधायक को कोई शिकायत है, तो वह कोआर्डिनेशन कमेटी के किसी भी मेंबर से कर सकता है।

पार्टी के लिए अनुशासन जरूरी है और कोई भी विधायक अब मीडिया में बयानबाजी नहीं करेगा। पार्टी के सामने पहला लक्ष्य एकजुट होकर लोकसभा का चुनाव लडऩे का है।

भाजपा के ऑपरेशन लोटस और कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने को लेकर पूछे गए सवाल पर डीके शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट हैं, इसलिए भाजपा जो कुछ करे, यहां कुछ नहीं होने वाला। जहां तक बागी विधायकों पर आए फैसले की बात है, तो वह स्पीकर का विशेष अधिकार है।

उसमें कांग्रेस पार्टी का कोई हस्तक्षेप नहीं है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे को लेकर पूछे गए सवाल पर दोनों पर्यवेक्षकों ने कहा कि यह बात बुधवार को ही समाप्त हो गई थी। इस प्रेस वार्ता के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंत्रियों के साथ कैबिनेट की बैठक के लिए सचिवालय गए और दिल्ली से आए ऑब्जर्वर वापस लौट गए।

इससे पहले सुबह ही पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के आरोप में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया छह विधायकों सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो, इंद्रदत्त लखनपाल, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा की विधानसभा सदस्यता खत्म कर चुके थे। यही विधायक लीडरशिप में बदलाव की मांग कर रहे थे।

मुख्यमंत्री सुक्खू बोले, सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने वाले क्लीन बोल्ड

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह माना कि राज्यसभा चुनाव की हार में उनकी कमी रही है। इंटेलिजेंस की रिपोर्ट भी समय पर नहीं मिली। यह सरकार को गिराने का एक षड्यंत्र था, लेकिन विरोधी क्लीन बोल्ड हुए हैं।

कांग्रेस के बागी विधायकों को सीआरपीएफ सुरक्षा और हेलिकॉप्टर सुविधा मिल गई। मेरे इस्तीफे की अफवाह फैलाई गई, ताकि बजट पारित करने के लिए वोट काउंट कम हो जाए। भाजपा मेजोरिटी का फर्जी दावा कर रही है।

जिन विधायकों ने दगाबाजी की है, वे अपने चुनाव क्षेत्र में जनता को फेस नहीं कर पाएंगे। हिमाचल के लोग इस तरह की ओछी राजनीति को पसंद नहीं करते। लोकसभा चुनाव आ रहे हैं, इन्हें जनता जवाब देगी।

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