मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को टूटीकंडी बाल आश्रम का दौरा किया और आश्रम में रहने वाले बच्चों के साथ दीपोत्सव भी मनाया।
आश्रम के बच्चों और कर्मचारियों ने मिट्टी के दीये जलाकर और रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने बच्चों को मिठाइयां और उपहार बांटे और उन्हें दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवाली का असली मतलब खुशियां, करुणा और एकजुटता बांटना है।
ये बच्चे हमारा भविष्य हैं और यह हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है, कि हम सुनिश्चित करें कि उनकी परवरिश प्यार, सम्मान और उचित अवसरों के साथ हों।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों को ‘राज्य के बच्चों’ के रूप में गोद लिया है। इन बच्चों की शिक्षा का सारा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त उन्हें प्रति माह 4000 रुपए पॉकेट मनी भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के बाल आश्रमों में आवासीय सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा और अन्य सुविधाओं में भी वृद्धि की जाएगी।
सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार जल्द ही अनाथ और कमजोर बच्चों के समग्र विकास के लिए विशेष रूप से नई कल्याणकारी योजनाएं शुरू करेगी।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बाल आश्रम के बच्चों के लिए हर साल 14 नवंबर को खेल दिवस का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार पर्याप्त बजट का प्रावधान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल आश्रमों के छात्रों को बेहतर अनुभव प्राप्त करने के लिए राज्य से बाहर शैक्षणिक दौरों पर भेजा जाएगा।
उन्होंने बच्चों से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने और उसके बाद विभिन्न क्षमताओं में राष्ट्र की सेवा करके देश का नाम रोशन करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर महापौर सुरेन्दर चौहान, उप-महापौर उमा कौंडल, निदेशक महिला एवं बाल कल्याण पंकज ललित और उपायुक्त अनुपम कश्यप भी उपस्थित थे।