मानसून के सीजन में हिमाचल को रोज नई आपदा डरा रही है। ऐसे बुरे वक्त में वर्ल्ड बैंक का एक और प्रोजेक्ट हिमाचल को सहारा देगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में दिल्ली दौरे में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। इसी मुलाकात में मल्टीलेटरल प्रोजेक्ट कैटेगरी में वर्ल्ड बैंक से कुल 2388 करोड़ के प्रोजेक्ट पर सहमति बन गई है।
इसमें वल्र्ड बैंक 2150 करोड़ देगा, बाकी हिस्सा राज्य सरकार को डालना होगा। प्रोजेक्ट का नाम डिजास्टर रिकवरी एंड रेजीलियंस स्ट्रेथनिंग है। इस बारे में पत्र भी भारत सरकार से आ गया है।
इसके तहत पिछले एक साल में प्राकृतिक आपदा के कारण हुए ढांचागत नुकसान का पुनर्निर्माण किया जा सकेगा। हिमाचल सरकार ने इसके लिए प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट यानी पीएमयू भी बनाया है, ताकि समय रहते प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जा सके।
सभी विभागों से प्रोपोजल इसमें जाएंगे और दिसंबर तक यह प्रक्रिया पूरी करनी है। इसके बाद वल्र्ड बैंक के साथ लोन एग्रीमेंट साइन होगा।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री की बैठक में बनी सहमति के बाद वर्ल्ड बैंक की टीम शिमला जाकर दौरा कर गई है और मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना से भी बैठक हो गई है।
मुख्य सचिव ने इसके बाद सभी संबंधित विभागों को इस प्रोजेक्ट के तहत काम आईडेंटिफाई करने को कहा है। इस परियोजना को बाह्य वित्त पोषित प्रोजेक्ट के तौर पर पूरा किया जाएगा।
इसके तहत भारत सरकार के लिए वल्र्ड बैंक की धनराशि लोन के रूप में होगी, जबकि विशेष श्रेणी राज्य होने के कारण हिमाचल को यह अनुदान के तौर पर मिलेगी। राज्य सरकार के राजस्व विभाग का डिजास्टर मैनेजमेंट विंग इस प्रोजेक्ट के लिए नोडल एजेंसी होगा।