साइबर ठगों के निशाने पर हिमाचल के लोग

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साइबर अपराधियों व शातिरों ने अब लोगों की जमापूंजी लूटने के लिए नया पैंतरा अपना डाला है। साइबर ठग ऑनलाइन ट्रेडिंग, ब्लॉक चेन निवेश के माध्यम से लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं.

वहीं अब आईपीओ यानी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश के माध्यम से भी हिमाचल के लोगों से पिछले पांच माह में 4 करोड़ रुपए की ठगी कर डाली है। हिमाचल पुलिस के तीनों रेंज थानों में करीब डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें 4 करोड़ रुपए लोगों से ऐंठ लिए गए हैं।

ऐसे होती है ठगी

बता दें कि आईपीओ वह प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से एक निजी कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर अपने शेयर बेचकर सार्वजनिक हो जाती है। यह शातिर लोगों से पहले फेसबुक पर संपर्क करते हैं, बाद में इनका मोबाइल नंबर हासिल करते हैं।

फोन के माध्यम से पीड़ित को अपने व्यवसाय और उसके फायदों के बारे में अवगत करवाते हैं। पीड़ित को किसी टैलीग्राम या व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ देते हैं और उसका अलग से ट्रेडिंग अकाऊंट वॉलेट बनाते हैं तथा टाटा इंवैस्टमैंट क्लब, सीआईएनवी ट्रेडिंग कंपनी आदि और अपनी तथाकथित ट्रेडिंग कंपनी की मान्यता बारे जाली कागजात दिखाकर भरोसा देते हैं, जिससे पीड़ित आश्वस्त होता है और शुरूआत में बहुत कम रुपए से वह निवेश करता है और इसमें मुनाफा अधिक होता है।

धीरे-धीरे लोग झांसे में आते हैं और जब शुरूआती दौर में निकासी करते हैं तो बड़े प्रसन्न होते हैं, लेकिन बाद में बड़ा अमाऊंट लगा देते हैं और उसे निकालने के लिए फिर कई अन्य प्रक्रियाएं बताई जाती हैं और अपनी जमापूंजी लोग खो देते हैं।

डीआईजी साइबर क्राइम ने लोगों से की ये अपील

डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अपरिचित और अवांछित एप को डाऊनलोड न करें और ऑनलाइन ट्रेडिंग एप के माध्यम से कोई भी निवेश न करें।

ट्रेडिंग एप की वैद्यता को बीएसई, एनएसई, एसईबीआई आदि पर जरूर जांच लें। साइबर अपराध से बचने के लिए स्वयं की जागरूकता ही सबसे उत्तम उपाय है।

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