हिम टाइम्स – Him Times

हिमाचल प्रदेश में स्थगित हुए पंचायत चुनाव

हिमाचल सरकार ने इस साल दिसंबर में होने जा रहे पंचायती राज चुनाव को मानसून में प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान की वजह से टाल दिया है।

गुरुवार को मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आर्डर पारित करते हुए कहा कि अभी चुनाव करवाने की सही परिस्थितियों नहीं हैं। राज्य के मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने इसे लेकर शिमला, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर के उपायुक्तों से आए पत्र को आधार बनाया है।

इन जिलों के उपायुक्तों ने कहा था कि मानसून में जान और माल का भारी नुकसान हुआ है। आपदा के कारण हालात सामान्य नहीं हैं। कई जगह सडक़ें तक नहीं खुली हैं।

इसे देखते हुए जब तक सडक़ एवं रास्तों की प्रॉपर कनेक्टिविटी नहीं हो जाती, तब तक चुनाव नहीं कराए जाएंगे। मुख्य सचिव ने यह आदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट धारा 24 की सब सेक्शन (ई) में निहित प्रावधानों के तहत जारी किए हैं।

मुख्य सचिव डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत गठित स्टेट एग्जीक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन भी हैं। जिलाधीशों ने इससे पहले यह पत्र पंचायती राज सचिव को लिखे थे।

सचिव ने यह मामला राजस्व विभाग के माध्यम से डिजास्टर के तहत उठाया और मुख्य सचिव ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश पारित किया।

डीसी द्वारा लिखे पत्र में कहा गया था कि ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत विभिन्न कार्य शुरू किए गए हैं। वर्तमान हालात में पंचायतीराज चुनाव व्यावहारिक नहीं हैं।

प्रशासन और विभाग के कर्मचारी आपदा राहत कार्यों में व्यस्त हैं। ऐसे में चुनाव करवाना उन पर अतिरिक्त बोझ का कारण बन सकता है।

3577 पंचायतों में होने थे त्रिस्तरीय चुनाव
प्रदेश की 3577 ग्राम पंचायतों में इस साल बीडीसी और जिला परिषद को मिलाकर त्रिस्तरीय चुनाव होने थे। पंचायतों में यह चुनाव पांच सीटों यानी प्रधान, उपप्रधान, वार्ड मेंबर, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए होने हैं, जबकि शहरी निकाय में वार्ड पार्षद के लिए वोटिंग होनी है।

हाल ही में राज्य सरकार ने जिला परिषद और बीडीसी के परिसीमन को लेकर जिलाधीशों को अतिरिक्त शक्तियां दी थी।

दिसंबर में तय था चुनाव का शेड्यूल
राज्य चुनाव आयोग के शेड्यूल के अनुसार दिसंबर में ये चुनाव तय थे। शहरी निकायों के चुनाव में इससे पहले ओबीसी की गणना को लेकर पचड़ा पड़ चुका है।

राज्य सरकार ने इस गणना के लिए अलग आयोग बनाने का फैसला किया है, लेकिन अब पंचायत में भी चुनाव अटक जाएंगे।

पंचायत चुनाव के लिए इन दिनों वोटर लिस्ट बनाने का काम चल रहा है, जबकि आरक्षण रोस्टर लगभग फाइनल हो गया था, लेकिन अब चुनाव के लिए इंतजार बढ़ गया है।

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